सांभर झील में तीस प्रजातियों के 23 हजार पक्षियों ने ढेरा डाला

एशियन वाटर बर्ड सैंसस की रिपोर्ट में आई अहम जानकारी




शैलेश माथुृर की रिपोर्ट 

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सांभरझील (जयपुर)। एशिया की सबसे बड़ी प्राकृतिक लवणीय सांभरझील में इस बार 30 प्रजातियों के 23 हजार से अधिक पक्षियों जल क्रिड़ायें मनोरम दृश्य उत्पन्न कर रही है, वहीं खास बात यह भी है कि फ्लेमिंगोज पक्षियों की दो प्रजातियां भी पक्षी प्रेमियों, पक्षीविदों व आने वाले पर्यटकों के लिये खास आकर्षण बन हुये हैं। इस बात का खुलासा करते हुये बताया गया कि वेटलैंड्स इंटरनेशनल की सबसे बड़ी वार्षिक वाटरबर्ड जनगणना, "एशियन वाटरबर्ड सेंसस" (AWC) इस साल 01 जनवरी से पूरे एशिया और ऑस्ट्रेलिया में शुरू हुई, 16 जनवरी को एक साथ संपन्न होगी, WI दक्षिण एशिया और BNHS द्वारा संयुक्त रूप से समन्वय किया जाएगा। 

AWC विश्व स्तर पर आर्द्रभूमि और जलपक्षी के संरक्षण का समर्थन करता है। टीम के टीके राय ने बताया कि सर्दियों के दौरान प्रवासी जल पक्षी सुदूर मध्य एशिया, रूस सहित उत्तरी एशिया और साइबेरियाई भाग से भारत की ओर पलायन करते हैं। भारतीय उप-महाद्वीप, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के राष्ट्रीय नेटवर्क द्वारा और समन्वय में सांभर झील सहित कुछ सैकड़ों आर्द्रभूमि (राज्य, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय आर्द्रभूमि, रामसर स्थल, संरक्षित क्षेत्र, महत्वपूर्ण पक्षी और जैव विविधता क्षेत्र, संरक्षण भंडार) पर किया जाता है। सांभर झील राजस्थान की सबसे बड़ी खारी झील होने के साथ-साथ रामसर स्थल भी है। 

जलपक्षी प्रजातियों की विविधता और आबादी के घटते आर्द्रभूमि आवास के कारण बहुत अधिक उतार-चढ़ाव और काफी हद तक कम हो रहा है। जल पक्षियों में मुख्य निवासी प्रजातियाँ यहाँ राजहंस की दोनों प्रजातियाँ हैं। एडब्ल्यूसी 2022 स्थलीय वन प्रभाग, जयपुर के सहयोग से सांभर झील जयपुर मंडल में किया गया और आज नागौर क्षेत्रीय वन विभाग के सहयोग से नागौर मंडल में मेरी उपस्थिति और समन्वय में किया गया और राजस्थान के केंद्रीय विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के स्वयंसेवक ने भाग लिया। 

 

सांभर झील में इस वर्ष में कुल 27 प्रजातियों का कुल 10,525 जलपक्षी रिकॉर्ड हुआ जयपुर डिवीजन में और नागौर डिवीजन में कुल 15 प्रजातियों का कुल 12,953 जलपक्षी रिकॉर्ड हुआ है। पूरी झील में कुल 30 प्रजातियों के कुल 23,478 जलपक्षी रिकॉर्ड किया है, जो पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। वेटलैंड हैबिटेट ज्यादातर  सूूखा था और इस बार देर से अच्छी बरसात और अभी 4-5 दिनाें बारिश में वेटलैंड दोबारा रिवाइव हो गया है। जिसके कारण फ्लेमिंगो की दोनो प्रजातियों की संख्या में इजाफा हुआ है।