पर्यटन विभाग ने भी नाम शुद्ध नहीं किया
शैलेश माथुृर की रिपोर्ट
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सांभरझील (जयपुर)। सांभर से शाकम्भरी माता मंदिर जाने वाले मार्ग पर पर्यटन विभाग की ओर से लगाये पट्ट पर किसी ने अभ्रद भाषा लिखकर उसे पूरी तरह से गंदा कर दिया है। बता दें कि विगत कुछ वर्ष पहले पर्यटन व पुरातत्व विभाग की ओर से सम्राट पृथ्वीराज चौहान की कुलदेवी मानी जाने वाली मां शाकम्भरी के अति प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार करने के बाद सांभर से कोरसीना तक जगह जगह मंदिर जाने वाले मार्ग को दर्शित करते हुये यह पट्ट लगाये गये थे, लेकिन उसमें भी शाकम्भरी के स्थान पर सहवन से लिखा गया शाकाम्बरी को भी अभी तक नहीं सुधारा गया है।
विभाग की ओर से जितने भी पट्ट लगाये गये है उसमें अंकित किये गये सभी नामों में त्रुटि है। बताया जा रहा है कि शाकम्भरी व शाकम्बरी दोनों ही नाम प्रचलित है। इस पट्ट पर किसी ने अभद्र भाषा लिखकर उसे गंदा कर दिया गया है। इस प्राचीन मंदिर को देखने के लिये इसी मार्ग से पर्यटकों व श्रद्धालुओं का निरन्तर आना जाना रहता है।