लेखक : नवीन जैन
(स्वतंत्र वरिष्ठ पत्रकार)
इंदौर (एमपी)
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सोमवार के दिन राज्यसभा में बॉलीवुड अभिनेत्री जया बच्चन का रौद्र रूप वायरल हो चुका है। वे इतनी गुस्से में थीं कि पीठासीन अधिकारी को भुवनेश्वर कलिका को यहाँ तक कह गई कि आपने मुझे सम्मानित सदस्य कहा, लेकिन इसके लिए मैं आपको धन्यवाद भी नहीं दूँगी। ज्ञातव्य है गत कुछ सालों से समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सदस्य जया बच्चन सम-सामयिक मसलों पर अपने विचार खुलकर प्रकट करती रही हैं, पर सोमवार के दिन का आलम ,तो कुछ और ही था। जया बच्चन ने सत्ता पक्ष की तरफ़ इशारा करते हुए कह दिया कि आप लोगों को मैं यह श्राप देती हूँ कि जल्दी ही आप लोगों के बुरे दिन आने वाले हैं।
दरअसल, जया बच्चन को नारकोटिक्स बिल (ड्रग्ज़ विधेयक) पर बोलना था, मग़र वे लगातार इस बात पर ज़ोर देती रहीं कि हमारे बारह साथी सदन से निष्कासित हैं और सत्ता पक्ष में से कोई सदस्य इसकी सुध ही नहीं ले रहा है। राजनीतिक विश्लेषक जया बच्चन के इस गुस्से को सोमवार के ही दिन घटित एक दूसरे प्रकरण से भी जोड़कर देख रहे हैं। ज्ञातव्य है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जया बच्चन की बहू और बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या रॉय से बहुचर्चित पनामा पेपर्स लीक काण्ड में लगभग साढ़े पाँच घण्टे तक पूछताछ की थी। इसी प्रकरण में ऐश्वर्या के पति अभिषेक को ईडी ने ही पूछताछ के ऐश्वर्या के साथ कुल दो बार तलब किया था, लेकिन पिछली बार तो व्यक्तिगत कारणों के हवाले से दोनों ही नहीं आए। इस बार भी ऐश्वर्या आईं, लेकिन अभिषेक अनुपस्थित रहे।
बताया जाता है कि पनामा पेपर्स दुनिया में भ्र्ष्टाचार और टैक्स चोरी का अभी तक का शायद सबसे बड़ा भण्डा फोड़ है, जिसमें विश्व के लगभग अस्सी देशों (भारत के अंग्रेजी दैनिक द इंडियन एक्सप्रेस को मिलाकर) के मीडिया हाउस के लगभग चार सौ खोजी पत्रकारों की भागीदारी थी कहा जाता है कि इसी भंडाफोड़ के कारण पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को पद से इस्तीफा देना पड़ा था और पाकिस्तान कीअनेक हस्तियों के साथ भारत के लगभग पाँच सौ बड़े लोगों के इस प्रकरण में नाम हैं जिनमें अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन ,ऐश्वर्या बच्चन के साथ ही भगोड़े शराब व्यवसायी विजय माल्या और प्रसिद्ध डॉन इकबाल मिर्ची के नाम भी हैं। कहा जा रहा है कि टैक्स हैवन (कर चोरी का स्वर्ग) के नाम से मशहूर लगभग चालीस लाख की आबादी वाले पनामा देश इस काण्ड का मुख्य केन्द्र होने के कारण इस पूरे प्रकरण का नाम पनामा पैपर्स लीक काण्ड पड़ा।
बताया जा रहा है कि लगभग उक्त सभी शंकित 500 भारतीयों की कुल रुपए 20 ,078 की अघोषित रकम इन पनामा के अलावा अन्य देशों में जमा है। इसकी पड़ताल के लिए ईडी ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में एक उच्च अधिकारी को भी भेजा था।सबसे बड़ी बात यह है कि इस हेरा फेरी में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का नाम भी आया था, तो उन्होने इस बात का तत्काल खंडन कर दिया था। दरअसल, अंग्रेजी के दैनिक द इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर को लेकर अमिताभ ने यह खंडन किया था। उन्होंने कहा था कि मैं देश का जिम्मेदार नागरिक हूँ, और सभी टैक्स का मैंने पूरा भुगतान किया है। अमिताभ ने यह भी कहा था कि जिन कम्पनियों के निदेशक मंडलों में मेरे नाम होने का ज़िक्र चल रहा है, उन्हें मैं जानता तक नहीं।
विशेषज्ञ कहते हैं कि टैक्स की हेरा फेरी करने के लिए बड़े लोग अक्सर विदेशों में छोटी छोटी फर्जी कम्पनियां बना लिया करते हैं। जमर्नी के अखबार Suddeutsche Zeitung (SZ) ने सबसे पहले इस सम्बंध में पहली रिपोर्ट छापी थी, जो लाखों कागज़ात को खंगालने के बाद तैयार की गई थी।इस रपट में कहा गया था कि बच्च्न परिवार की चार कम्पनियों में से एक का निदेशक अभिषेक बच्चन को बनाया गया था। एक दूसरी कम्पनी की ऐश्वर्या पहले शेयर होल्डर बनाई गई, फिर निदेशक बनाई गई और अंततः उक्त कम्पनी को निष्क्रिय कर दिया गया। इस कम्पनी की क़ीमत पचास हज़ार डॉलर बताई जा रही है। बताया जा रहा कि इस कथित खुलासे के बाद बच्चन परिवार फिर मुश्किलों में पड़ सकता है और इस भण्डाफोड़ की आंच सऊदी अरब अमीरात, अर्जिन्टीना,यूक्रेन तक पहुंच चुकी है। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)