जयपुर। राजस्थान चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं कि राज्य में अब किसी भी जरूरतमंद को मेडिकल ऑक्सीजन की कमी नहीं पड़े। कोविड की संभावित तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता की व्यापक तैयारियां की जा रही हैं।
चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि सभी मेडिकल कॉलेज और संबद्ध अस्पतालों में भविष्य की आवश्यकतानुसार नए मेडिकल जनरेशन प्लांट या तो स्थापित कर दिए गए हैं या प्रक्रिया में हैं जो शीघ्र ही संचालन योग्य होंगे।
गालरिया की अध्यक्षता में बुधवार को चिकित्सा शिक्षा भवन में बैठक आयोजित की गई। बैठक में जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज और इससे संबद्ध चिकित्सालयों एसएमएस अस्पताल, आरयूएचएस, जेके लोन अस्पताल] पंडित दीनदयाल उपाध्याय गणगौरी अस्पताल, महिला चिकित्सालय, जनाना अस्पताल, जयपुरिया अस्पताल, कांवटिया अस्पताल, सैटेलाइट अस्पताल और अन्य अस्पतालों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता, नए स्थापित प्रेशर स्विंग एब्जॉर्प्शन तथा लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट्स के स्टेटस पर चर्चा की गई।
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने बताया कि जयपुर में कुल 31 प्लांट्स में 10 प्रारंभ हो चुके हैं। 20 का कार्य पूर्णता के निकट है। लगभग सभी ऑक्सीजन प्लांट्स को इस महीने के आखिर तक संचालन अवस्था में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में चिकित्सा शिक्षा आयुक्त श्रीमती शिवांगी स्वर्णकार के साथ ही सभी अस्पतालों के अधीक्षक उपस्थित रहे। बैठक में ऑक्सीजन प्लांट्स के कार्य से जुड़े राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जयपुर विकास प्राधिकरण और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।