घड़साना में किसानों ने लगाया महापड़ाव, वार्ता रही विफल

घड़साना से आर. एन. पारीक
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घड़साना। इंदिरा गांधी नहर के प्रथम चरण में सिंचाई पानी की मांग को लेकर वह तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग को लेकर घड़साना मंडी आधा दिन तक पूर्णतया बंद रही वह धान मंडी सैड के नीचे किसानों ने धरना व सभा शुरू की सभा स्थल पर हजारों की संख्या में किसान रावला घड़साना, अनूपगढ, पुगंल वह खाजूवाला क्षेत्र तक के किसान इस सभा में पहुंचे किसान ट्रैक्टर ट्राली ओं वह अन्य साधनों के साथ झुंड के रूप में गढ़साना मंडी में नारेबाजी करते हुए पहुंच रहे थे। 

सभा स्थल पर किसान नेताओं ने गहलोत सरकार को 2004 के आंदोलन की याद दिलाते हुए कहा कि अगर इस क्षेत्र को सिंचाई पानी सरसों की बिजाई के लिए नहीं मिला तो उससे भी ज्यादा तेज आंदोलन किया जाएगा। सभा स्थल पर पूर्व विधायक कामरेड हेतराम बेनीवाल पूर्व विधायक पवन दुग्गल किसान नेता सत्य प्रकाश सिहाग राजू जाट सुनील गोदारा श्योपत मेघवाल कामरेड लक्ष्मण सिंह भुरामल स्वामी महिला नेत्री दुर्गा स्वामी वह काफी संख्या में किसान नेताओं ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि गहलोत सरकार वसुंधरा सरकार की तरह गलती ना करें इस क्षेत्र का किसान बारिश नहीं होने वह सिंचाई पानी नहीं मिलने से बर्बादी के कगार पर पहुंच चुका है। अगर किसानों को सरसों की बिजाई के लिए 6 बारी पानी उपलब्ध नहीं हुआ तो इस क्षेत्र में भुखमरी के हालात हो जाएंगे। क्षेत्र का किसान 2004 में पानी की लड़ाई लड़ चुका है और इस लड़ाई में 8 किसान शहीद भी हो चुके हैं। सभी नेताओं ने गहलोत सरकार को चेतावनी दी कि अगर शीघ्र रेगुलेशन बदलकर सिंचाई पानी की 6 बारी उपलब्ध नहीं करवाया तो यह धरना महापड़ाव अनिश्चितकालीन चलेगा और जिसका खामियाजा कांग्रेस सरकार को भुगतना पड़ेगा। सुरक्षा व्यवस्था किसान आंदोलन धरना प्रदर्शन में महापड़ाव को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने व्यापक बंदोबस्त किए थे। जिले की सभी मंडियों से पुलिस जाब्ता आरएसी के जवान डीवाईएसपी थानाधिकारी घड़साना मंडी में अपने थाना के पुलिस जाब्ते के साथ मौजूद थे इसके अलावा पानी की दमकल वह अन्य साधन भी मौजूद थे। घड़साना उपखंड अधिकारी अभिलाषा पूनिया तहसीलदार दानाराम ने उपखंड कार्यालय में बैठक कर पल पल की स्थिति का जायजा ले रहे थे।