गाजियाबाद के प्रशान्त सिन्हा ने समावेशी विकास की ओर बढ़ाया सशक्त कदम

ट्रेनिंग देते हुए प्रशांत सिन्हा 

ज्ञानेंद्र रावत की रिपोर्ट 

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इंदिरापुरम,गाजियाबाद। आज के पूंजीवादी दौर में जब हर उद्यम में केवल लाभ प्राप्ति की होड़ लगी हुई है. कुछ ऐसी भी कंपनियां हैं जो अपने व्यापार के साथ-साथ अपने सामाजिक दायित्वों का भी बखूबी निर्वहन कर रही हैं। उनमें से एक है माइक्रो काउंट इंफो सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड।

गौरतलब है कि गाजियाबाद के निवासी प्रशांत सिन्हा ने समाज के समावेशी विकास को समर्पित माइक्रो काउंट इंफो सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड नामक एक उद्यम खड़ा किया है जो सन 2005 से लगातार सफलतापूर्वक न केवल संचालित हो रहा है बल्कि अपने दायित्वों का भी बखूबी निर्वहन कर रहा है। यह जान लें कि यह कम्पनी राष्ट्रीयकृत बैंकों को नोट प्रोसेसिंग सिस्टम आपूर्ति करती है । कम्पनी ने बैंकों को नोटबंदी और लॉकडाउन के दौरान देश के प्रति अपनी जिम्मेवारी समझते हुए बखूबी अपनी सेवाएं दी हैं और बैंकों ने भी इसके काम को सराहा है।

इस कंपनी के माध्यम से कारोबार के साथ-साथ सामाजिक समस्या को सुलझाने का प्रयास भी इसके निर्देशक प्रशान्त सिन्हा के मन में आया। अक्सर यह माना गया है और किसी हद तक सही भी है कि व्यापार करने वाले समाज सुधार के कार्य कम ही लोग करते हैं। व्यापार एवं समाज सुधार जैसे दो विचार धाराओं का मिलना सम्भव नहीं है परंतु प्रशान्त सिन्हा मानते हैं कि सामाजिक चुनौतियों को सुलझाने के लिए व्यापार का ज़रिया भी चुना जा सकता है, जहाँ पैसा कमाने के साथ साथ समाज सुधार एवं पर्यावरण को बचाने का कार्य भी कर सकते हैं।

प्रशान्त सिन्हा एमबीए, एलएलबी हैं और दिल्ली और जयपुर जैसे शहरों में बड़ी बड़ी कम्पनियों में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कुछ वर्षों की नौकरी के बाद इन्होंने दीपक कुमार के साथ माइक्रो काउंट इंफो सिस्टम प्रा. लि. कम्पनी की शुरुआत की जो सामाजिक एवं आर्थिक पिछड़े वर्ग के लोगों को रोज़गार देने का काम कर रही है।

प्रशान्त सिन्हा का कहना है कि “समाज में पिछड़े लोगों को आरक्षण नहीं बल्कि प्रतिनिधित्व की बेहद ज़रूरत है”। उन्होंने बताया कि माइक्रो काउंट में लगभग 50 कर्मचारी हैं जिसमें 75% कर्मचारी पिछड़े वर्ग के और अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं।

नोट काउंटिंग मशीन असेंबल यूनिट में प्रशांत सिन्हा 

प्रशान्त सिन्हा के प्रशिक्षण एवं प्रयास से आज वे समाज में बराबरी का स्थान पा चुके हैं और हर तरह की सुख सुविधाओं से संपन्न हैं। कोरोना महामारी काल में भी उनकी कम्पनी ने किसी भी कर्मचारी को न तो जाने को कहा और न ही उनके वेतन में कटौती की। 

प्रशान्त सिन्हा एवं उनके कम्पनी के लोग पर्यावरण के प्रति भी जागरूक हैं। कंपनी के द्वारा समय समय पर पौधारोपण एवं जल संरक्षण के प्रति जागरूकता  कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं।

इस कार्य के लिए प्रशान्त सिन्हा को कई गैर सरकारी संगठनों ने समय समय पर उनको सम्मानित भी किया है।नव प्रभात जन सेवा संस्थान दिल्ली जैसी प्रतिष्ठित संस्था द्वारा जल संरक्षण पर आयोजित जल संसद कार्यक्रम में उल्लेखनीय कार्यों के निमित्त 'सजग जल प्रहरी सम्मान’ से अलंकृत किया गया है। राष्ट्रीय पर्यावरण सुरक्षा समिति, जिसके अध्यक्ष देश के जाने माने पर्यावरणविद और वरीय पत्रकार श्री ज्ञानेंद्र रावत हैं के द्वारा भी पर्यावरण रक्षा हेतु किए गए वृक्षारोपण अभियान में सक्रिय योगदान के लिए तदर्थ सम्मानित भी किया गया है।

आज ऐसे कुछ लोग हैं जो अपनी विचार और सोच से लोगों के कल्याण में चुपचाप जुटे हैं। ज़रूरत है कि ऐसी लोगों की संख्या और बढ़े और समाज का कल्याण हो सके।