राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थल भारत समेत विश्व के 100 देशों में बन सकते हैं वैक्सीनेशन के मॉडल केन्द्र

जिले के सभी राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थलों को बनाया जाएगा वैक्सीनेशन सेंटर- जिला कलक्टर 

जंक्शन और टाउन में राधास्वामी सत्संग ब्यास वैक्सीनेशन सेंटर का जिला कलक्टर ने लिया जायजा

शानदार व्यवस्थाएं देख कर जिला कलक्टर श्री नथमल डिडेल ने जताई प्रसन्नता

कहा- राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थल पर वैक्सीनेशन हेतु की गई है बेहतरीन व्यवस्थाएं

टीका लगाने के लिए आए लोगों के लिए सेवादार करके हैं नाश्ते, चाय, दूध और केले की व्यवस्था

करीब 55 सेवादार सुबह साढ़े चार बजे लग जाते हैं सेंटर्स की सफाई करने, सुबह 7 बजे बिल्कुल तैयार हो जाता है सेंटर

फिर करीब 35 सेवादारों की टीम संभालती है एक वैक्सीनेशन सेंटर का पूरा प्रभार

जिला मुख्यालय पर पिछले 15 दिनों से 96 चिकित्साकर्मियों के लिए भी की जा रही है खाने की निशुल्क व्यवस्था

सुनील धूड़िया 

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हनुमानगढ़। जिला कलक्टर हनुमानगढ़ नथमल डिडेल ने शुक्रवार को जंक्शन और टाउन के राधास्वामी सत्संग ब्यास सेंटर्स पर चल रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम का जायजा लिया। इस दौरान सेंटर पर सेवादारों के द्वारा की गई व्यवस्थाओं को देखकर जिला कलक्टर ने प्रसन्नता जताई। सेवादारों द्वारा आगंतुकों को सेंटर पर प्रवेश से लेकर पार्किंग, वैटिंग और टीका लगने के बाद सर्टिफिकेट देने तक की व्यवस्थाएं देखकर जिला कलक्टर ने कहा कि अब जल्द ही जिले के सभी राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थलों को वैक्सीनेशन सेंटर बनाया जाएगा।  

जिला कलक्टर ने जंक्शन और टाउन के राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थलों पर बने वैक्सीनेशन सेंटर्स का निरीक्षण करने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थल पर सेवादारों के द्वारा वैक्सीनेशन के लिए आए व्यक्ति के परिसर में एंट्री से लेकर वैक्सीन लगने के बाद 30 मिनिट ऑब्जर्वेशन तक इतनी शानदार व्यवस्था की गई है कि इससे सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोरोना गाइडलाइन की भी अच्छे से पालना सुनिश्चित हो पा रही है। साथ ही यहां वैक्सीनेसन करवाने आए लोग भी यहां की व्यवस्थाएं देखकर संतुष्ट हैं। यहां अगर वैक्सीनेशन को लेकर कुछ समय इंतजार भी करना पड़ता है तो भी लोग संतुष्ट हैं। सेवादार यहां वैक्सीनेशन करवाने आए लोगों को दूध, चाय, ज्यूस, केला इत्यादि दे रहे हैं। कोई अगर ब्रेकफास्ट करके नहीं आया हो तो उसे ब्रेकफास्ट करवाया जा रहा है। लिहाजा जिले में जितने भी राधास्वामी सत्संग ब्यास केन्द्र हैं, सभी केन्द्रों का हम वैक्सीनेशन सेंटर्स के रूप में इस्तेमाल करेंगे। उम्मीद है वहां भी सेवादारों के द्वारा ऐसी ही व्यवस्था की जाएगी।

हनुमानगढ़ कलक्टर ने वैक्सीनेशन सेंटर पर सेवादारों के द्वारा की गई पार्किंग, इंतजार कर रहे लोगों के बैठने की व्यवस्था, वैक्सीनेशन रजिस्ट्रेशन, वैक्सीनेशन, वैक्सीनेशन करवाने के बाद विश्राम स्थल और उन्हें दिए जाने वाले सर्टिफिकेट समेत सारी व्यवस्थाएं देखकर अत्यंत प्रसन्नता जताई। निरीक्षण के दौरान जिला कलक्टर के साथ बीसीएमएचओ डॉ ज्योति धींगड़ा समेत राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थल के सेवादार शामिल थे।   

जिले भर में अब तक केवल दो राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थलों को बनाया गया है वैक्सीनेशन सेंटर

बीसीएमएचओ डॉ ज्योति धींगड़ा ने बताया कि जंक्शन में सतीपुरा में स्थित राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थल और टाउन स्थित स्थल को करीब पंद्रह दिन पहले ही वैक्सीनेशन सेंटर बनाया गया था। दोनों ही स्थलों पर अब तक 5-5 शिविर लग चुके हैं। जिला कलक्टर ने अब जिले के सभी राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थलों को वैक्सीनेशन सेंटर के रूप में इस्तेमाल की बात कही है।

राधास्वामी सत्संग ब्यास वैक्सीनेशन सेंटर पर क्या-क्या होती हैं व्यवस्थाएं

टाउन के राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थल के एक सेवादार ने नाम नहीं छापने की शर्त पर स्थल की पूरी व्यवस्था के बारे मेें विस्तार से बताया कि किस प्रकार राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थल में वैक्सीनेशन को लेकर पूरी तैयारी की जाती है। उन्होने बताया  सुबह करीब साढ़े चार बजे 50-60 सेवादार राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थल पर सफाई करने के लिए पहुंच जाते हैं। पंडाल की अच्छी से सफाई करने के बाद पूरे इलाके को सैनेटाइज किया जाता है, फिर फीते से बाकायदा डिस्टेंस नापकर कुर्सियां लगाई जाती है। सुबह 7 बजे तक ये सेवादार पंडाल स्थल को पूरी तरह तैयार कर वहां से रवाना हो जाते हैं। फिर करीब 35 सेवादार आते हैं और वे वैक्सीनेशन का पूरा प्रभार संभालते हैं। जिसमें वाहन पार्किंग से लेकर लोगों को थर्मल स्कैन करने, सैनेटाइजर लगाने, टोकन देकर बिठाने, रजिस्ट्रेशन, वैक्सीनेशन और उसके बाद ऑब्जर्वेशन के समय दूध व केलों की व्यवस्था की जाती है।    

सेवादार बताते हैं कि वैक्सीनेश्न के लिए आए व्यक्ति को सबसे पहले गेट के अंदर प्रवेश करने पर सेवादार द्वारा गाड़ी को पार्किंग में ठीक ढंग से लगवाया जाता है। फिर उसे गाइड किया जाता है कि किस ओर जाना है। थर्मल स्कैनिंग करने और सैनेटाइजर से हाथ साफ करवाने के बाद उसका मास्क चैक किया जाता है कि कहीं वो ढीला ढाला ना हो। अगर ढीला है तो एक और मास्क लगाया जाता है। फिर वैक्सीन लगवाने आए व्यक्ति के साथ आए अटेंडेंट को अलग बिठाया जाता है। वहीं वैक्सीन लगाने आए व्यक्ति को अलग स्थान पर बिठाकर नाश्ते के बारे में पूछा जाता है। अगर वह नाश्ता नहीं करके आया है तो उसे नाश्ता दही परांठा, पोहे या ओट्स का नाश्ता दिया जाता है। फिर उसे एक टोकन देकर सीट पर बिठाया जाता है। इस दौरान वैटिंग की स्थिति में चाय बिस्कुट भी दिए जाते हैं। वैक्सीनेशन के बाद दूध नाश्ता दिया जाता है। साथ ही वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाता है। केवल सर्टिफिकेट देने के लिए ही वहां 6 कंप्यूटर और प्रिंटर लगाए गए हैं। 

जिले भर में 44 राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थल

सेवादार बताते हैं कि जिले भर में कुल 44 राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थल हैं। जिनमें से जंक्शन के सतीपुरा और टाउन के स्थल पर 5-5 हजार लोगों के बैठने की कैपेसिटी है। लेकिन कोरोना के चलते डिस्टेंस से बिठाने पर अभी हम करीब 400 लोगों को एक साथ बिठा रहे हैं। जरूरत पड़ने पर 300 कुर्सियां और लगवाई जा सकती है। साथ ही चारों ओर हरियाली है। लिहाजा यहां एक सेंटर पर करीब 1 हजार लोगों को डिस्टेंस में बिठाया जा सकता है। अभी एक सेंटर पर आधे दिन में करीब 2 हजार लोगों के वैक्सीन लगाई जा रही है।

सेवादार बताते हैं कि जिले में जिला मुख्यालय के अलावा रावतसर, संगरिया, नोहर, भादरा, गोलूवाला, टिब्बी समेत सभी तहसील मुख्यालय पर राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थल बने हुए हैं। वहां भी पूरी व्यवस्थाओं के साथ वैक्सीनेशन शुरू किया जा सकता है। जंक्शन में हाउसिंग बोर्ड क्रास करते ही मक्कासर से पहले भी एक स्थल है। 

अभी 4 विभिन्न धर्मशालाओं मं ठहरे 96 चिकित्साकर्मियों के लिए कर रहे हैं मुफ्त खाने की व्यवस्था

राधास्वामी सत्संग ब्यास के ही सेवादार पिछले पंद्रह दिनों से जिला मुख्यालय की करणी धर्मशाला, बिश्नोई धर्मशाला, माहेश्वरी और अग्रेसन धर्मशाला में ठहरे हुए डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टॉफ के कुल 96 कार्मिकों को निशुल्क नाश्ता, लंच और डिनर की व्यवस्था संभाले हुए है। इन डाक्टर्स और नर्सिंग स्टॉफ को जिले भर की विभिन्न तहसीलों से जिला अस्पताल में लगाया गया है। खास बात ये कि खाने बनाने के लिए कोई कॉमन किचन सत्संग स्थल पर नहीं है। बल्कि किसी एक सेवादार के घर से ही ये सारा खाना बनकर आता है। नाश्ता बनाने के लिए टीम सुबह साढे चार बजे किसी एक सेवादार के घर खाना बनाना शुरू करते हैं। सुबह 7 बजे 96 चिकित्साकर्मियों के लिए खाना बनकर तैयार हो जाता है। लंच में एक सब्जी, रायता, चार चपाती, सलाद और स्वीट डिश में सूजी का हलवा, मिठ्ठी सेवइयां, मिठ्ठा दलिया या खीर दिया जाता है। वहीं डिनर में दाल, चपाती, चटनी, नींबू और गुड़ दिया जाता है। खास बात ये कि खाने को लेेमिनेटेड करके उस पर पैकिंग की तारीख और समय भी अंकित किया जाता है। सेवादार बताते हैं कि हम ये सारा खाना तैयार करके नगर परिषद को देते हैं जिनके द्वारा चिकित्साकर्मियों को उपलब्ध करवा दिया जाता है। 

राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थल  भारत समेत विश्व के करीब 100 देशों में बन सकते हैं मॉडल वैक्सीनेशन सेंटर

सेवादार बताते हैं कि भारत के लगभग सभी राज्यों में राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थल बने हुए हैं। भारत में करीब 5 हजार स्थल हैं। वहीं विश्व के करीब 100 देशों में राधास्वामी सत्संग ब्यास स्थल बने हुए हैं। जिनका इस्तेमाल मॉडल वैक्सीनेशन सेंटर के रूप में किया जा सकता है।