जयपुर। डॉ. महेंद्र मधुप साहब एक वरिष्ठ अग्रणी कृषि पत्रकार और प्रणेता, मिशन किसान वैज्ञानिक लेखक, जाने-माने आकाशवाणी और दूरदर्शन के लोकप्रिय एंकर, बौद्धिक व्यक्ति और विशेषज्ञ, कृषि,किसान और कृषि उत्पादन के जानकार हैं। दो दशकों से अधिक समय से उन्हें राजस्थान के प्रमुख अखबार दैनिक नवज्योति के संपादकीय लेखों के अपने कौशल के माध्यम से जानता हूं। विभिन्न विषयों और मुद्दों पर दैनिक नवज्योति अखबार के माध्यम से उनके द्वारा लिखे गए कई लेख मैंने पढ़े। विशेष रूप से कृषि, किसान, खाद्य उत्पादन, मीडिया और जनसंचार यह कहना है इग्नू के कमलेश मीणा का।
उन्होंने कहा डॉ. मधुप राजस्थान में पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने पत्रकारिता, जनसंचार और मीडिया अध्ययन में पीएचडी हासिल किया। वह आकाशवाणी और दूरदर्शन के जाने-माने एंकर हैं। डॉ. मधुप को आकाशवाणी और दूरदर्शन के माध्यम से 2500 से अधिक कार्यक्रम करने का अवसर मिला और मधुप ने कृषि, खाद्य उत्पादन और किसानों की दुर्दशा के विभिन्न विषयों और क्षेत्रों पर कई किताबें लिखीं। उनके द्वारा लिखीं मुख्य पुस्तकों का जिक्र करते हुए कमलेश मीणा ने बताया कि : खेतों के वैज्ञानिक, वैज्ञानिक किसान, प्रयोगधर्मी किसान,अन्वेषक किसान आदि। डॉ. महेंद्र मधुप को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया और जैसे चौधरी चरण सिंह पुरस्कार, कोसंब पुरस्कार, मानक अलंकृण पुरस्कार विजेता और 6 बार "जीवन भर की उपलब्धि" पुरस्कार कृषि के लिए उसे हासिल किया गया है। उन्हें पूर्व कृषि मंत्री के नेतृत्व में 'शरद कृषि' राष्ट्रीय पत्रिका का संपादक बनने का अवसर मिला।
उन्होंने बताया कि पिछले कई वर्षों से इस अवसर के बारे में सोच रहा था और सौभाग्य से यह अवसर आ ही गया। कृषि और उसकी विपणन रणनीतिक योजना और खाद्य उत्पादन को राष्ट्रीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक जानने के लिए यह चर्चा और विचार-विमर्श मेरे लिए महत्वपूर्ण है। मधुप,आज के मीडिया बिरादरी युग के प्रतिभाशाली, बौद्धिक प्रज्वलित मन,शानदार व्यक्तित्व, अभिनव दिलों दिमाग, प्रभावी जानकार और शानदार व्यक्तित्व हैं। डॉ. मधुप राजस्थान में मीडिया बिरादरी के युग के प्रभावी जानकार व्यक्तित्व हैं। डॉ. मधुप ने अपना पूरा जीवन कृषि पत्रकारिता, कृषि उत्पादन के माध्यम से किसानों की समृद्धि के लिए समर्पित कर दिया और उन्होंने नए नवाचार, नकदी फसलों और विभिन्न किस्मों की कृषि की वकालत की ताकि किसानों को उनके उत्पादन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल सके।
कमलेश मीणा ने कहा कि इससे पहले कई बार मुझे सार्वजनिक रूप से और विवाह समारोहों के कार्यक्रमों में सुनने और उनसे मिलने का अवसर मिला लेकिन व्यक्तिगत रूप से आज मैं उनसे मिला। दिन-प्रतिदिन मैं अपने गंतव्य और जीवन के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा हूं। आज का ज्ञान और मधुप का आशीर्वाद मेरे अनुभव, कृषि मुद्दों, खाद्य उत्पादन और बाजारों की प्रक्रियाओं को समझने की क्षमता आदि को बढ़ाएगा।
इस अवसर पर डॉ. महेंद्र मधुप ने कमलेश मीणा को अपनी पुस्तक "अन्वेषक किसान" की प्रति भेंट करते हुए कहा कि समाज में आप जैसे विद्वान, समझदार, पत्रकारिता की समझ, विश्व विद्यालय में स्टाफ एवं विद्यार्थियों को हर संभव सहयोग करने का अपना स्वाभाव सभी जानते हैं। व्यक्तिशय चाहे हम आज मिले हों लेकिन चर्चाएं अनेक स्थानों पर सुनने को मिलती हैं। दोनों ही लोगों ने इस अवसर को यादगार बताया।