नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा में पिछले दिनों कार्यकाल ख़त्म हुआ है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी तारीफ की। गुलाम नबी आजाद भी कुछ किस्से याद करके भावुक हुए। न्यूज़18 इंडिया के साथ एक ख़ास इंटरव्यू में गुलाम नबी आजाद ने बताया की उन्होने फिर से सरकार से अपील की है की कश्मीर को राज्य का दर्जा दें और उसके बाद चुनाव करायें उन्होने कहा कि कश्मीर ने ओर कश्मीरियों ने बहुत कुछ खो दिया है इन सालों में. हमने बहुत सारे कश्मीरी पंडित भाई खो दिए हैं। एक तो ये बहुत बड़ा नुकसान हुआ ओर दूसरा बहुत सारे नौजवान मारे गये। जब तक कश्मीरी पंडित वापिस नहीं आते तब तक समाधान नहीं होगा। जो बहुत सारी विधवा महिलायें हैं, उनके बच्चे अगर नही पढ़ेंगे तो कश्मीर का क्या होगा। बहुत सारे नौजवान मरे हैं और उनका शोक हम मनाते हैं। विकास शून्य के बराबर है। शैक्षिक संस्थान ख़तम हो गये हैं. हुमारा टूरिसम ख़तम हो गया। हुमारा हस्तशिल्प इंडस्ट्री ख़तम हो गयी है। ग़रीबी की तरफ हम बिल्कुल जा रहे है। इसलिए कश्मीर को पूर्णतया राज्य का दर्जा देना चाहिए।
राजनाथ सिंह के चीन के साथ सीमा पर हो रहे विवाद वाले बयान पर उन्होने कहा की जहाँ तक चीन का और फ़ौजियों का संबंध है, वो चाहे विपक्ष मे हों आ कांग्रेस पार्टी हो या दूसरे विपक्ष के नेता हो, वो भारत के फ़ौजियों के साथ खड़े हैं ओर खड़े रहेंगे जहाँ तक चाइना की बात है तो हम अपनी सरकार के साथ बराबर खड़े रहेंगे। और हम चाहते है की जितनी भी चाइना ने ज़मीन ली है वो वापिस होनी चाहिए। हाल ही में जी-23 के नेता भी गुलाम नबी आजाद से मिलने पहुँचे थे। ये पूछे जाने पर की क्या भारत की राजनीति में कुछ बड़ा होने के संकेत हैं, उन्होंने कहा, देखिए भारत की राजनीति में तो बड़ा कुछ होता ही रहता है पर मैं नहीं समझता हूँ की अभी कुछ बड़ा होने वाला है. अगले 2-3 महीने तो अब सबकी नज़रें केरला, तमिल नाडू, पश्चिम बंगाल और आसाम की तरफ हैं। सब पार्टियाँ उसी मे लगेंगी और हम भी अपनी पार्टी की तरफ से लगेंगे। आख़िर में हम सब अलग अलग पार्टी से संबंध रखते हैं और सबकी अलग अलग विचारधारा है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल के करोना से निधन होने का भी गुलाम नबी आजाद ने दुख जताया। उन्होंने कहा की जब से अहमद पटेल का निधन हुआ है तबसे उन्हे अपने आप पर ओर आने वाली ज़िंदगी पर से विश्वास ख़तम हो गया है। मैं सोचता था की बहुत लंबा जियेंगे पर हम भी शायद कल मर सकते हैं, ये ज़हन में आ गया है। गुलाम नबी आजाद ने बताया की वे पनी आत्मकथा लिखेंगे और इसको लेकर के काम भी शुरू कर दिया है।