राज्यपाल कलराज मिश्र आईआईएचएमआर यूनिविर्सटी के वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे

डिजिटल स्वास्थ्य, सतत विकास और कल्याण पर केंद्रित सम्मेलन

टैक्नोलाॅजी के इस्तेमाल के साथ स्वास्थ्य और कल्याण में बदलाव का मिशन

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जयपुर। आईआईएचएमआर यूनिविर्सटी, जयपुर के वार्षिक वैश्विक सम्मेलन प्रदन्या 2021 के 25वें रजत जयंती संस्करण का आयोजन 3 से 5 फरवरी के दौरान होगा। यह सम्मेलन डिजिटल स्वास्थ्य, सतत विकास और कल्याण विषय पर केंद्रित होगा। यह सम्मेलन स्थायी विकास लक्ष्यों और डिजिटल हेल्थ के देश के दृष्टिकोण से जुड़ा हुआ है।

इस वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र करेंगे। उद्घाटन सत्र में पदम भूषण प्रो. जी पी पद्मनाभन, मानद प्रोफेसर, और पूर्व निदेशक, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु और पद्मश्री डॉ. चंद्रकांत एस पांडव, पूर्व प्रोफेसर और प्रमुख, सामुदायिक चिकित्सा केंद्र, एम्स, नई दिल्ली की गरिमामय उपस्थिति रहेगी। उद्घाटन सत्र 3 फरवरी 2021 को शाम 5 से 6 बजे (ऑनलाइन) रखा गया है।

इस सम्मेलन में नौ सत्र होंगे, जिनमें 10 देशों के 42 विशेषज्ञ शामिल होंगे। इसमें एक विशेष प्रदन्या सिल्वर जुबली सेशन भी होगा, जिसमें भारत और अमेरिका के हेल्थ मैनेजमेंट के अग्रणी युवा छात्रों की भागीदारी रहेगी। कॉन्फ्रेंस के दौरान एक विशेष कोविड राहत काॅन्सर्ट ‘पधारो म्हारे देश’ का आयोजन भी किया जाएगा। सम्मेलन के अंतिम दिन एसडीजी-चैपाल हैल्थ का शुभारंभ होगा, जिसमें नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत स्वास्थ्य पर विशेष संबोधन देंगे।

आईआईएचएमआर यूनिविर्सटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी. आर. सोडानी ने बताया, वैश्विक सम्मेलन, स्वास्थ्य और आबादी के लिहाज से नए ज्ञान, अनुसंधान और नवाचारों को बढ़ावा देने के मकसद से आयोजित किया जा रहा है। यह सम्मेलन डिजिटल स्वास्थ्य की क्षमता, तकनीकी अनुकूलन के लिए अग्रणी और प्रबंध परिवर्तन, टिकाऊ विकास के लिए स्वास्थ्य सेवा में टैक्नोलाॅजी की भूमिका, रोगी-केंद्रित डिजिटल हैल्थ ईकोसिस्टम का निर्माण, सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल कवरेज प्राप्त करने के लिए सामुदायिक सहभागिता जैसे सबसे प्रासंगिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेगा और एसडीजी-3 लक्ष्य, सभी के लिए स्वास्थ्य और भलाई सुनिश्चित करने पर जोर देगा। यह सम्मेलन सरकार द्वारा स्वास्थ्य और कल्याण के लिए घोषित योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद करेगा और गैर-सरकारी संगठनों को स्वास्थ्य और आबादी की भलाई में जुटने के लिए प्रेरित करेगा। इसमें हुए विचार-विमर्श से नए नीतिगत दृष्टिकोण सामने आएंगे और हितधारकों के बीच सहयोग व साझेदारी की प्रेरणा मिलेगी।

आयोजन सचिव डॉ. शिव के. त्रिपाठी ने कहा, हमें इस सम्मेलन में सभी भागीदारों से बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रियाएं मिल रही है, और हम अपने प्रमुख उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए तत्पर हैं। सम्मेलन में 1000 से अधिक प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावनाएं हैं, जिनमें यूएसए, यूके, मलेशिया, कतर, दुबई, नॉर्वे और अन्य दक्षिण एशियाई देशों सहित 11 से अधिक देशों के विशेषज्ञ शामिल हैं। छात्रों, विद्वानों, स्वास्थ्य और संबद्ध क्षेत्रों से जुड़े सलाहकारों, कॉरपोरेट्स, और शिक्षाविदों के साथ ये सभी विेशेषज्ञ सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श करेंगे।