पीएटी बढ़कर 1,577 करोड़ रुपये हो गया, कार्गो वॉल्यूम में 37% की वृद्धि हुई और पोर्ट रेवेन्यू 35% बढ़ा
वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही
कार्गो वॉल्यूम में एपीएसईज़ेड की बाजार हिस्सेदारी 6% से बढ़कर 28% हुई
पोर्ट राजस्व और ईबीआईटीडीए ने क्रमशः 35% और 38% की वृद्धि दर्ज की
पोर्ट ईबीआईटीडीए मार्जिन 140 बीपीएस बढ़कर 71.7% हो गई
पीबीटी 16% बढ़कर 2,013 करोड़ रुपये और पीएटी 16% बढ़कर 1,577 करोड़ रुपये हुई
अहमदाबाद। विश्व स्तर पर विविधतापूर्ण क्षेत्रों में सक्रिय अदाणी ग्रुप के एक हिस्से, भारत की सबसे बड़ी ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड “एपीएसईज़ेड”, ने 31 दिसम्बर 2020 को समाप्त होने वाली तीसरी तिमाही के लिए अपने परिचालन और वित्तीय प्रदर्शन की आज घोषणा की।
वित्तीय विशिष्टताएं:-
विवरण (राशि करोड़ रुपये में) ) वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही वित्त वर्ष 20 की तीसरी तिमाही वृद्धि
(वर्ष दर वर्ष)
कार्गो (एमएमटी में) 76* 56 37%
परिचालन राजस्व 3,746 3,336 12%
समेकित परिचालन ईबीआईटीडीए# 2,488 2,287 9%
पोर्ट राजस्व 3,279 2,424 35%
पोर्ट ईबीआईटीडीए* 2,351 1,705 38%
पोर्ट ईबीआईटीडीए मार्जिन 71.7% 70.3% -
फोरेक्स मार्क टू मार्केट – घाटा/(लाभ) (206) 145
पीबीटी 2,013 1,739 16%
पीएटी 1,577 1,356 16%
* 2020 में अधिग्रहित किये गये कृष्णापट्टनम पोर्ट को छोड़कर, एपीएसईज़ेड द्वारा संभाला गया कुल कार्गो वॉल्यूम 67 एमएमटी था जो वर्ष दर वर्ष के आधार पर 20% अधिक रहा।
#फोरेक्स मार्क टू मार्क घाटे/(लाभ) को छोड़कर समेकित ईबीआईटीडीए।
एपीएसईज़ेड ने अक्टूबर, 2020 में कृष्णापटनम पोर्ट का अधिग्रहण किया, जिसे अब समेकित किया गया है, इसलिए वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही के वित्तीय आंकड़े संख्या वित्त वर्ष 20 की तीसरी तिमाही से तुलनीय नहीं है।
वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही में, कृष्णापटनम पोर्ट ने 10 एमएमटी के कार्गो वॉल्यूम को संभाला। वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही में राजस्व और ईबीआईटीडीए 473 करोड़ रुपये और 336 करोड़ रुपये रहा, जबकि ईबीआईटीडीए मार्जिन 71% रही।
वित्तीय विशेषताएं (वर्ष दर वर्ष): -
परिचालन और पोर्ट राजस्व: -
वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही में कुल परिचालन राजस्व 12% वृद्धि दर्ज करते हुए वित्त वर्ष 20 की तीसरी तिमाही के 3,336 करोड़ रुपये के मुकाबले 3,746 करोड़ रुपये रहा। पोर्ट राजस्व में 35% की वृद्धि हुई और लॉजिस्टिक्स बिजनेस से प्राप्त राजस्व में 8% की वृद्धि हुई।
पोर्ट ईबीआईटीडीए*: -
बढ़े हुए कार्गो वॉल्यूम और संतुलित कार्गो मिक्स के कारण पोर्ट ईबीआईटीडीए वित्त वर्ष 20 की तीसरी तिमाही के 1,705 करोड़ रुपये के मुकाबले, 38% की वृद्धि दर्ज कर वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही में 2,351 करोड़ रुपये हुआ। वित्त वर्ष 20 की तीसरी तिमाही में पोर्ट ईबीआईटीडीए मार्जिन 140 बीपीएस बढ़कर 71.7% हो गया।
लॉजिस्टिक बिजनेस 16% की वृद्धि दर्ज कर, वित्त वर्ष 20 की तीसरी तिमाही के 58 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही में 67 करोड़ रुपये हुआ।
परिचालन संबंधी विशेषताएं: -
वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही (वर्ष दर वर्ष)
• सभी तीन क्षेत्रों में पोर्ट ने मजबूत वृद्धि दर्ज की, पश्चिमी पोर्ट ने 25% और पूर्वी पोर्ट ने 10% की वृद्धि दर्ज की।
• क्रूड सहित कंटेनर और लिक्विड कार्गो के कारण तिमाही के दौरान मुंद्रा पोर्ट ने 25% की वृद्धि दर्ज की। जहां कंटेनर में 38% की वृद्धि हुई, वहीं क्रूड सहित लिक्विड कार्गो में 22% की वृद्धि हुई।
• मुंद्रा पोर्ट भारत का लगातार तीसरी तिमाही में सबसे बड़ा कंटेनर हैंडलिंग पोर्ट बना हुआ है और इस तिमाही के दौरान 1.59 मिलियन टीईयू संभाला है।
• मुंद्रा पोर्ट ने एलपीजी के 213,000 मीट्रिक टन और एलएनजी के 567,000 मीट्रिक टन को संभाला, जो वित्त वर्ष 21 की दूसरी तिमाही से क्रमश: 50% और 10% अधिक है।
• दाहेज और हजीरा के अन्य पश्चिमी पोर्ट्स में क्रमशः 29% और 14% की वृद्धि हुई, जबकि पूर्वी तट पर धामरा पोर्ट में 10% की वृद्धि दर्ज की गई।
• पांच नई कंटेनर सेवाओं को - दो मुंद्रा में, दो हजीरा में और एक कट्टुपल्ली में- जोड़ा गया। इन अतिरिक्त सेवाओं के कारण इंक्रीमेंटल कंटेनर वॉल्यूम वार्षिक आधार पर लगभग 340,000 टीईयू रहेगा।
• हमारा लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन लचीला बना हुआ है। वित्त वर्ष 20 की तीसरी तिमाही के 89,433 टीईयू के मुकाबले, वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही में 81,061 टीईयू रेल वॉल्यूम संभाला गया।
पुरस्कार: -
• धामरा पोर्ट को 20वें ग्रीनटेक एन्वायरनमेंट अवार्ड 2020 में "विनर अवार्ड" प्राप्त हुआ।
एपीएसईज़ेड के चीफ एक्जिक्यूटिव ऑफिसर और होल टाइम डायरेक्टर श्री करण अदाणी ने कहा कि “हाल के दिनों में एपीएसईज़ेड में मजबूत और स्थायी रिकवरी हमारी यात्रा की आधारशिला रही है। यह एक प्रमाणित तथ्य है कि हमारा व्यवसाय अब एक प्योर-प्ले यूटिलिटी बनने के करीब है। हमारी संपत्ति का पोर्टफोलियो, भारत में बढ़ती बाजार हिस्सेदारी और लीडरशिप की जगहों पर हमारे नेटवर्क का पहले से मौजूद होना एक अद्वितीय वेल्यू प्रोपोजिशन है।
एपीएसईज़ेड में हमारी टीम द्वारा इनोवेशन करना और परिचालन उत्कृष्टता की स्थापना करना जारी है, जो हमारी अलग पहचान बनाता है, परिणामस्वरूप मार्जिन में सुधार हुआ है। उदाहरण के लिए, केपीसीएल में, जिसे अक्टूबर में अधिग्रहण किया गया था, हमने ईबीआईटीडीए मार्जिन में 55% से 71% तक सुधार किया है।
एपीएसईज़ेड वित्त वर्ष 2025 तक 500 एमएमटी कार्गो थ्रूपुट हासिल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और वेयरहाउसिंग सुविधा विकसित करने के लिए, एपीएसईज़ेड लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग बिज़नेस में ट्रैक्स, रेक्स सहित भूमि में भी निवेश करेगा।
हमारे व्यवसाय और भविष्य में होने वाले निवेश पर्यावरण के संरक्षण पर ध्यान देते हुए, सस्टेनेबल विकास से जुड़े हैं। पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को प्रबंधित करने और कम करने के प्रयास में, हम अधिक सस्टेनेबल विकल्पों की लगातार पहचान करते हैं और प्रायोजित करते हैं। हमारी पर्यावरण फुटप्रिंट रणनीति पूरे परिचालन के दौरान ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और कचरे को ध्यान में रखती है क्योंकि हम अपने पर्यावरण प्रथाओं को लगातार मजबूती प्रदान करने और 2025 तक कार्बन न्यूट्रल बनने के लिए गंभीर प्रयास कर रहे हैं। "
अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड के बारे में
विश्व स्तर पर सक्रिय डायवर्सिफायड अदाणी ग्रुप का एक हिस्सा, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एपीएसईज़ेड), एक पोर्ट कंपनी से विकसित होकर भारत के पोर्ट्स एंड लॉजिस्टिक्स प्लेटफ़ॉर्म बन चुका है। तटीय क्षेत्रों और दूरदराज के विशाल इलाकों से कारगो के विशाल वॉल्यूम की हैंडलिंग करते हुए, रणनीतिक रूप से मौजूद एपीएसईजेड के 12 पोर्ट और टर्मिनल, देश की कुल पोर्ट क्षमता के 24% प्रतिनिधित्व करते हैं। ये पोर्ट और टर्मिनल गुजरात में मुंद्रा, दाहेज, कांडला और हजीरा, ओडिशा में धामरा, गोवा में मारमुगाओ, आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम, चेन्नई में कट्टुपल्ली और एन्नोर तथा आंध्र प्रदेश में कृष्णापत्तनम में स्थित हैं। कंपनी केरल के विजिंजम में एक ट्रांसशिपमेंट पोर्ट और म्यांमार में एक कंटेनर टर्मिनल भी विकसित कर रही है। हमारे "पोर्ट्स टू लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म" में हमारी पोर्ट सुविधाएं, एकीकृत लॉजिस्टिक्स क्षमताएं, और औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र शामिल हैं, जो वैश्विक सप्लाई चेन में होने वाले संपूर्ण बदलाव से लाभ उठाने की भारत की तैयारी को देखते हुए, हमें विशेष लाभदायक स्थिति में रखते हैं। हमारी नज़र अगले दशक में दुनिया का सबसे बड़ा पोर्ट और लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म बनने पर है। 2025 तक कार्बन न्यूट्रल होने की दृष्टि से, एपीएसईज़ेड विज्ञान आधारित लक्ष्य पहल (एसबीटीआई) के लिए हस्ताक्षर करने वाला पहला भारतीय पोर्ट और विश्व का तीसरा देश रहा, जो पूर्व-औद्योगिक स्तरों पर 1.5 डिग्री सेल्सियस तक ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने के लिए उत्सर्जन में कमी लाने के लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध रहा है। (प्रेस विज्ञप्ति)