लेखिका : रश्मि अग्रवाल
नजीबाबाद, 9837028700
http//daylife.page
आज सारा विश्व भारत पर नज़र रखे हुए कि भारत जैसी कोई भूमि नहीं, जहाँ विविध बहुभाषी, बहुजातिय समाज एक साथ मिलजुलकर, गणतंत्र या अन्य दिवस मनाते हों, क्योंकि भारत विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है।
गणतंत्र दिवस के संदर्भ में यह संकल्प लें कि हम अपने राष्ट्र हेतु, जिसमें दिन का प्रारम्भ सूर्य नमस्कार या प्रकृति पूजा से होता हो, उसके विकास हेतु रोज़ी-रोटी व मकान पर मिलजुलकर कार्य करेंगे, धर्म-जाति पर नहीं। तब ही गणतंत्र का महत्व एवं सार्थकता का अर्थ समझ आयेगा।