वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेन्द्र रावत की नजर में
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नई दिल्ली। ट्रंप की हार के पीछे सबसे अहम और बड़ी बात यह है कि अगर देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की सरकार के जोईंट सेक्रेटेरी पी. वी. गोपालन अपनी बेटी श्यामला को कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी ना भेजते, तो श्यामला वहाँ शादी ही ना कर पाती, उस हालत में तो कमला हैरिस वहाँ पैदा ही ना हुई होती और फिर बिडेन कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति का प्रत्याशी ही ना बना पाते। ऐसी स्थिति में तो ट्रम्प चुनाव ही ना हारते और तब प्रधान मंत्री मोदी का नारा "अबकी बार ट्रम्प सरकार" सफ़ल हो जाता।
देखा जाये तो हक़ीक़त यही है कि मोदी के हर काम में नेहरू टाँग अड़ाते ही रहते हैं। अब समस्या यह है कि हमारे प्रधानमन्त्री मोदी ट्रंप के आंसू पोंछेंगे या विडेन को प्यार करेंगे और गले लगायेंगें। इस सवाल पर श्रीकृष्ण गोपाल व्यास का कहना है कि अब तो मोदी को ट्रंप के विलेन से प्यार करना होगा।