किसान आंदोलन : एक नजर में...

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देश में कृषि-किसान विरोधी आंदोलन के चलते देश का किसान आंदोलित है। वह उद्वेलित है, आक्रोशित है, सरकार के हठधर्मी रवैया के खिलाफ सड़कों पर है, देश की राजधानी दिल्ली में वह अपनी पंचायत कर सरकार को अपनी पीड़ा बताने पर आमादा है। लेकिन देश की सरकार ने उसे दिल्ली न आने देने के लिए ऐसे ऐसे हथकण्डे अपनाने, जिनको इससे पहले देश की सत्ता पर कालिज किसी भी सरकार ने अपनाना मुनासिब नहीं समझा। 

यह लोकतंत्र की दुहाई देने वाली सरकार का जीता जागता सबूत है। जबकि इस दिल्ली कूच में क्या बच्चे, बूढ़े, नौजवान, पूर्व सैनिक और अस्सी साल तक की महिलाओं ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है। सबसे बड़ी बात यह कि किसानों ने राज्य सरकारों और केन्द्र सरकार की लाख कोशिशों-अवरोधों ,लाठी चार्ज, पानी की बौछारों के बावजूद दिल्ली की ओर बढ़ना जारी रखा है। नीचे दिए चित्र सरकार की हठधर्मिता और तानाशाही के जीते-जागते सबूत हैं। (लेखक के अपने विचार है)

प्रस्तुतिकर्ता : ज्ञानेन्द्र रावत 

(वरिष्ठ पत्रकार एवं चर्चित पर्यावरणविद)