लघु एवं कुटीर उद्योगों को प्राथमिकता दी जाए



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आज भारत को लघु व कुटीर उद्योगों के साथ ही घरेलू उद्योग को स्थापित करने में ज्यादा ध्यान देना होगा। स्वदेशी अपनाए का जन जागरण अभियान चलाया जाये। स्वदेशी उत्पाद विदेशी वस्तुओं के मुकाबले गुणवत्ता में बेहतर होते है पर सरकार उन्हें सुविधाएं नहीं देती है कि बाजार मूल्य बढ़ जाता हैं और सस्ती विदेशी उत्पाद के आगे टिक नहीं पाते इस ओर भी सरकार को ध्यान देना होगा। सरकारी जन हित की नि:शुल्क योजनाओं की बजाय उस राशि से बड़े पैमाने पर स्थानीय स्तर पर उद्योग लगे ताकि युवाओं को आजीविका का स्थाई समाधान मिले सके।

लेखिका : लता अग्रवाल 

चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)