एक समय चौधरी चरण सिंह के सेनानी रहे रामविलास पासबान नहीं रहे 


रामविलास पासबान वह वंचित तबकों की बुलंद आवाज थे, हम तो जाते अपने धाम, सबको राम राम राम।


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नयी दिल्ली। भारतीय राजनीति में वंचित तबकों की बुलंद आवाज केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से भारतीय राजनीति में आई रिक्तता की भरपाई असंभव है। वह ऐसे नेता थे जो एक समय भारतीय राजनीति में किसानों के मसीहा कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के विश्वास प्राप्त सेनानी थे। उन्होंने लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक मत प्राप्त करने का रिकॉर्ड बनाया था। लोकदल के दौर में शरद यादव, रामविलास पासवान और के सी त्यागी की तिकड़ी सर्वत्र चर्चा में थी। मूलतः समाजवादी विचार धारा के रामविलास पासवान  चौधरी साहब के बाद किसी भी दल में अधिक समय तक नहीं रहे और अंत में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के नाम से खुद अपनी पार्टी बनायी और अपने हिसाब से कभी संप्रग तो कभी राजग के हिस्सा बन केन्द्र में मंत्री बन बिहार के वंचित तबकों का  प्रतिनिधित्व करते रहे। वर्तमान में वह मोदी नीतित केन्द्रीय मंत्री मंडल में उपभोक्ता मंत्री थे। 



ऐसे समय जब बिहार में विधान सभा चुनाव की भेरी बज चुकी है, बिहार की राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले रामविलास पासवान का इस दुनिया से चला जाना बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। दलित राजनीति में देश में मायावती के बाद वह दूसरे नेता थे जिनका दलितों पर अच्छा खासा प्रभाव था। यह उनके करिश्माई व्यक्तित्व कहें या उनकी कूटनीति जिसके बलबूते वह लोकसभा में लगातार सात बार और अंत में राज्यसभा में भी पहुंचने में कामयाब रहे। बिहार में उनके कद का आज कोई भी ऐसा नेता नहीं है जो दलितों का सर्वमान्य नेता हो। देखा जाये तो रामविलास जी दलितों-वंचितों के ही नेता नहीं थे, असलियत में वह सभी वर्गों में लोकप्रिय थे और सभी वर्गों का उन्हें स्नेह प्राप्त था। उनकी सर्व सुलभ छवि ही उनकी जनप्रियता का अहम कारण थी। वह जहां-जहां भी रहे, वहां अपने व्यक्तित्त्व और साफगोई से उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी। जब जब राजनीति में सर्व सुलभ, मिलनसार और अपनी बात साफ-साफ कहने वाले नेताओं की चर्चा होगी, रामविलास पासवान बहुत याद आयेंगे। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे और उनके परिवार को इस दारुण दुख सहने की शक्ति और साहस प्रदान करे। ओम शान्ति :।



लेखक : ज्ञानेन्द्र रावत
(लेखक ज्ञानेन्द्र रावत वरिष्ठ पत्रकार एवं चर्चित पर्यावरणविद हैं।)