मानवतावादी स्वामी अग्निवेश नहीं रहे


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नई दिल्ली। अंग्रेज़ी के प्राध्यापक स्वामी अग्निवेश बंधुआ मुक्ति के लिए संघर्ष करने वाले देश के ऐसे आर्य समाजी थे जिन्हें समूचा विश्व हर तरह के सामाजिक भेदभाव के लिए और मानवता के कल्याण के लिए होने वाले हर संघर्ष आंदोलन में प्रभावी भूमिका के निर्वहन के लिए जानता है। वह असली मायने में राजनीतिक सन्यासी थे। समाज के कल्याण हेतु बड़े से बड़े शीर्ष राजनीतिक नेताओं का विरोध करने से वह कभी नहीं चुके। समाज में व्याप्त अन्याय और भेदभाव के खिलाफ आवाज बुलंद करने और पीड़ितों के हितों के लिए उन्होंने प्राध्यापक पद को तिलांजलि दे दी और जीवनभर सर्वहारा वर्ग के मार्गदर्शक बने रहे। बीते काफी दिनों से वह लिवर की बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने दिल्ली के अस्पताल में अंतिम सांस ली। बंधुआ प्रथा के खात्मे, दलितों, वंचितों और पीड़ितों के हक की लड़ाई के लिए उन्हें सदैव याद किया जायेगा।