लोकल को वोकल और ग्लोबल बनाने के लिए स्थानीय प्रतिभाओं के नवाचारों को आगे बढ़ाना होगा : राज्यपाल कलराज मिश्र
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जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने युवाओं को जॉब प्रोवाइडर बनाये जाने की आवश्यकता प्रतिपादित की है। राज्यपाल ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत के लिए युवाओं के नवाचारों को सराहा जाना चाहिए और उनकी प्रतिभा को आगे बढ़ाने के अवसर प्रदान करने चाहिए। मिश्र ने कहा कि इसी से लोकल वोकल होगा और ग्लोबल भी बन सकेगा।
राज्यपाल राजस्थान मिश्र राजभवन से वीडियो कॉन्फे्रन्स के माध्यम से महामना मालवीय मिशन की ग्रामीण इकाई द्वारा आयोजित वाराणसी उत्तर प्रदेश और देहरादून उत्तराखंड की आपातिक अनुक्रिया समूह इकाइयों के प्रवत्र्तन समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि आपातिक समूहों का उपयोग बाढ़, अकाल, भूकंप, भू-स्खलन, प्रदूषण जैसी अन्य समस्याओं के दुष्प्रभावों के निराकरण के लिये भी किया जा सकता है। इन समूहों में कार्य करने से छात्रों और स्वयंसेवकों में मानवीय मूल्यों की भावना को विकसित करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पुरा-छात्रों-छात्राओं तथा महामना के मानस पुत्रों द्वारा स्थापित महामना मालवीय मिशन, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय(बी.एच.यू.) के पूर्व-छात्रों का एक विश्वव्यापी संगठन है, जिसकी शाखाएं पूरे देश में हैं। श्री मिश्र ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पुरा-छात्रों एवं महामना के आदशोर्ं एवं नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों में विश्वास करने वालों द्वारा संचालित यह मिशन अपनी विभिन्न सेवा परियोजनाओं, शैक्षिक कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्यम से महामना के मूल्यों और विचारों को प्रचारित करने में प्रयासरत हैं, जो आज की परिस्थिति में भारतीय समाज के नैतिक ताना-बाना को ओर अधिक सक्षम एवं सुदृढ़ बनाने के लिये समीचीन है।
राज्यपाल ने कहा कि इस समूह में छात्रों के परिजनों को भी सम्मिलित करने की योजना सराहनीय है। आपातकालिक अनुक्रिया समूह का गठन एक तरह का सामाजिक अभियांत्रिकी प्रयास है, जिसका मुख्य उद्देश्य युवाओं की रचनात्मक क्षमता के उपयोग से आपातिक स्थितियों से निपटना है। साथ ही प्रदेश एवं केंद्र स्तर के सम्बंधित विभागों को सहयोग भी करना है। उन्होंने कहा कि इन समूहों के सदस्यों को आपदा-प्रबंधन क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा आपदा निराकारण हेतु अपनायी जाने वाली मानक संचालन प्रक्रियाओं और आपदा-प्रबंधन के विभिन्न आयामों में प्रशिक्षित करके इन समूहों के सदस्यों का उपयोग कोविड-19 की महामारी से उत्पन्न समस्याओं के निराकरण के लिये किया जाना अच्छी पहल है। इससे युवा आपातिक स्थिति में दूसरों की मदद करने के योग्य हो सकेंगे, साथ ही अन्य लोगों को प्रेरित तथा प्रशिक्षित भी कर सकेंगे। स्वागत उद्बोधन डॉ. प्रदीप कुमार मिश्रा ने किया। समारोह को हरिशंकर सिंह, मुनीश बींदल व देवेन्द्र भसीन ने भी संबोधित किया। डॉ. विद्यासागर पाण्डेय ने आभार व्यक्त किया।