राष्ट्रीय भर्ती एजेन्सी का गठन एक क्रांतिकारी कदम

अलीगढ़। केन्द्र सरकार के विभिन्न लगभग 20 विभागों की 'ग्रुप बी' एवं  'ग्रुप सी' की नौकरियों हेतु अब तक संचालित अलग-अलग परीक्षाओं के  आयोजन  करने की व्यवस्था को समाप्त कर "राष्ट्रीय भर्ती एजेन्सी" के गठन का जो निर्णय केन्द्र सरकार ने लिया है, उसकी सराहना करते हुए औटा के पूर्व अध्यक्ष डा. रक्षपाल सिंह चौहान ने इस निर्णय को एक क्रान्तिकारी एवं महत्वपूर्ण कदम बताया है। 


इस सम्बन्ध में डा. सिंह ने कहा है कि अब तक सभी विभागों में नियुक्तियों हेतु अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित होती रही हैं और अलग-अलग  शुल्क भी जमा करना पड़ता है। यही नहीं लिखित परीक्षाएं देने के लिये भी विभिन्न प्रदेशों के निर्धारित केन्द्रों  पर जाकर परीक्षा देने में प्रत्येक अभ्यर्थी को हज़ारों रु आने-जाने में खर्च करने पड़ते हैं। केन्द्र सरकार के अब राष्ट्रीय भर्ती एजेन्सी के गठन के निर्णय से सभी विभागों की भर्ती हेतु अपने-अपने जिलों के परीक्षा केन्द्रों पर ही परीक्षा देने की सुविधा सभी अभ्यर्थियों  को मिलेगी।इस निर्णय से न केवल अभ्यर्थियों को काफी आर्थिक बचत होगी बल्कि इसके साथ ही अन्य प्रदेशों अथवा दूरस्थ स्थानों पर परीक्षा के लिये आने-जाने में होने वाली असुविधा का भी सामना नहीं करना पड़ेगा। इस निर्णय से  महिला एवं विकलांग अभ्यर्थीयों को भी दूरस्थ स्थानों पर जाकर परीक्षा देने में होने वाली कठिनाइयों से भारी राहत मिलेगी। (लेखक के अपने विचार हैं)



लेखक : रक्षपाल सिंह चौहान 
( लेखक प्रख्यात शिक्षाविद , धर्म समाज कालेज, अलीगढ़ के पूर्व विभागाध्यक्ष एवं आगरा विश्व विद्यालय, वर्तमान बी.आर. अम्बेडकर विश्व विद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष रहे हैं।)