जनसंपर्क को मजबूत बनाते संचार माध्यम


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जब दो या दो से अधिक व्यक्ति आपस में कुछ समर्थक चिह्नों, संकेतों या प्रतीकों के माध्यम से विचारों या भावनाओं का आदान-प्रदान करते हैं तो उसे संचार कहते हैं। संचार मानव जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है। संचार के बिना मनुष्य अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता है। संचार दो लोगों को जोड़ने का काम करता है, जिससे लोगों के बीच विश्वास स्थापित होता है। 


कॉर्पोरेट में संचार का महत्व :
हमारे विचारों, कल्पना और ज्ञान का कोई महत्व नहीं रह जाता है, जब तक की हम उसे किसी से व्यक्त न करें। संचार हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चाहे हमारी निजी जिंदगी की बात हो या फिर कॉर्पोरेट जगत की। कॉर्पोरेट प्रबंधन में संचार एक बेहद जरुरी हिस्सा माना जाता है, जिसमें हम बेहतर नतीजें प्राप्त करने के लिए आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के संचार  की सहायता लेते है। उदाहरण के लिए,  कॉर्पोरेट में कम्युनिकेशन  जनता और मीडिया को किसी भी ब्रांड के बारे में जानकारी देने पर आधारित हैं।



कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन क्या करता है :
कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन या संचार आपके बारे में, या आपके ब्रांड के बारे में लोगों को अवेयर करता है, उन तक उस प्रोडक्ट के बारे में जानकारी मुहैया करवाता है। प्रोडक्ट के लिए विश्वास जगाता है। ब्रांड और ब्रांड की टारगेट ऑडियंस के बीच संपर्क बनाता है।  कुल मिलाकर ब्रांड वैल्यू बनाता है।
पीआर (जन संपर्क) के लिए अपनी टारगेट ऑडियंस के दिलों-दिमाग में अपने ब्रांड की सम्मानजनक धारणा स्थापित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है और यह तभी हासिल किया जा सकता है जब किसी ब्रांड और उसके ऑडियंस के बीच उचित संवाद शुरू किया जाए।


पीआर की महत्वता :
एक प्रसिद्ध पीआर फर्म के संस्थापक अतुल मलिकराम के अनुसार, पीआर एक स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशन्स के माध्यम से किसी भी ब्रांड का सार्वजनिक एनालिसिस करता है। एक तरह से, यह आपके ब्रांड को अपनी ऑडियंस के साथ जोड़ने में मदद करता है। वर्तमान में हमारे पास संचार के लिए पारंपरिक माध्यमों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के आधुनिक माध्यम भी हैं।  पारंपरिक माध्यम जैसे- पत्र, पत्रिकाएं, पुस्तिकाएं वहीं आधुनिक माध्यम में सोशल मीडिया मार्केटिंग आदि। यदि कोई ब्रांड खुद को भरोसेमंद, शांतिपूर्ण और प्रतिष्ठित साबित नहीं कर पाता है तो वह कभी भी जनता के मन में अपना स्थान नहीं बना पाता है।



 
प्रभावी संचार के माध्यम से टारगेट ऑडियंस तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। आपके ब्रांड को टारगेट ऑडियंस के साथ सीधे परिचय कराने के लिए संचार के प्रत्यक्ष स्रोत की जरुरत होती है जिसमें आमतौर पर सोशल मीडिया और समाचार पत्र शामिल होते हैं। इस छोटे से परिचय में शामिल होता है, आप कौन हैं, आप क्या बेच रहे हैं और आप किसका प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमे से प्रत्येक प्रश्न को आम जनता के समझने के लिए अलग-अलग पीआर रणनीति के साथ प्रस्तुत किया जाता है.  जिसमें प्रेस कॉन्फ्रेंस, मीडिया इंटरैक्शन, प्रेस विज्ञप्ति, विभिन्न पीआर कैंपेन शामिल हैं। इस तरह की पहल आपके ग्राहक को आपके ब्रांड से संचार करने का मौका देती है, ब्रांड के बारे में पूरी जानकारी देती है. इसके साथ ही सही समय पर सही संदेश सही लोगों तक पहुंचाया जाना चाहिए। ब्रांड संचार तभी सफल होता है जब आप अपने संचार में सही संदेश देते हैं, जो आपके दर्शकों के हित के लिए महत्व रखता है। इन सभी बिंदुओं पर खरा उतरने वाला ब्रांड अपनी ऑडियंस के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ पाता है।


ग्राहक की जरुरत समझे :
अपना किसी भी तरह का संदेश देने से पहले, यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपके ग्राहक को क्या चाहिए, और कैसे, कब, कहाँ, वे आपकी सेवा या उत्पादों का उपयोग कर सकते हैं या नहीं। ध्यान रहे कि हमें ब्रांड की ब्रांडिंग उचित क्षेत्र में करनी है। जैसे :- अगर हम किसी बैटरी लाइट को इंट्रोड्यूस कराना चाहते है, तो हमारी टारगेट ऑडियंस ऐसे क्षेत्र या गाँव की होनी चाहिए जहां बिजली की समस्या हो। 


ऑडियंस के बड़े समूह के साथ संवाद करना कुछ साल पहले की तुलना में आज बहुत आसान है। ब्रांड्स के लिए यह आवश्यक होता है कि जनता तक पहुंचने वाली सामग्री में जानकारी पूर्ण और सटीक होनी चाहिए। हर गलत सूचना या गलत  धारणा ब्रांड की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। प्रोफेशनल्स पीआर,  मीडिया और जनता को ब्रांड्स  के बारे में स्पष्ट, संक्षिप्त और समय पर जानकारी प्रदान करते हैं। बेहतर और प्रभावी संचार ही किसी भी ब्रांड को बाजार में व्यापक रूप से अपनी जड़ें फैलाने में मदद कर सकता है।



लेखक : अतुल मलिकराम


इंदौर