कभी सच तो कभी झूट है जिंदगी
कभी प्रेरणा तो कभी टूट है जिंदगी
एक पल का भी भरोसा नही और..
तैयारी अगले कई पलों की..
इन्ही उलझनों के बीच...
पल पल हमको
रही है लूट जिंदगी ॥
जो वक्त मिला है उसे
हँसकर बिता लो
कभी गा लो कभी गुनगुना लो
क्योंकि इसका कुछ भरोसा नही..
ना जाने कब
हमसे जाये ये रूठ जिंदगी ॥
कोई कब तक साथ निभायेगा
" ऐ रश्मि "?
एक दिन अकेले ही रह जाना है..
वक्त के पहियों पर
फ़िर भी चलती रहेगी...
ये अटूट जिंदगी....
ये अटूट जिंदगी ॥
रश्मि चौधरी (ज्योतिषाचार्या)
कोट्द्वार उत्तराखंड
M :.9761712285