एमवे इंडिया के प्रोग्राम से कुपोषित बच्चों की स्थिति सुधरी

 महत्वपूर्ण सर्वेक्षणों से स्पष्ट तौर परपता चला कि दिल्ली में 5 वर्ष से कम आयु का प्रत्येक दूसरा अल्पपोषित बच्चा कुपोषण से प्रभावित…
· एक वर्ष के जागरूकता अभियान से 79% बच्चे कुपोषित श्रेणी से बाहर



भारत में सामाजिक वर्ग पहले से ही स्पष्ट तौर पर अलग-अलग निर्धारित है और यह पोषण-संबंधी परिदृश्य में अधिक स्पष्ट तौर से देखा जा सकता है। 2018 में लॉन्च किए गए एमवे इंडिया के पावर ऑफ़ 5 प्रोग्राम से पता चला है कि भारत में 5 वर्ष से कम आयु का प्रत्येक दूसरा अल्पपोषित बच्चा कुपोषण से प्रभावित है।


एमवे ने विश्व स्तर पर सफल इस समुदाय-आधारित प्रोग्राम पावर ऑफ़ 5 को भारत में ममता-हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर मदर एंड चाइल्ड के सहयोग से लॉन्च किया था। इस प्रोग्राम के तहत 5 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों की माताओं एवं देखभाल-कर्ताओं को लक्षित किया गया था और इसका उद्देश्य संपूरक भोजन, स्वच्छता प्रथाओं, विकास-निगरानी और आहार विविधता सहित पोषण संबंधी ज्ञान एवं प्रथाओं को बेहतर बनाना है।


शिशु और बच्चे को खिलाने का अभ्यास


0-24 माह की आयु-वर्ग वाले 98.5% बच्चों के परिवारों ने बताया कि बच्चे को जन्म से ही स्तनपान कराया गया था, जबकि प्रारंभिक सर्वेक्षण में यह 85.8% था। प्रसव के बाद पहले तीन दिनों में बच्चे को स्तनपान के अलावा अन्य चीजों का सेवन करवाने वाले परिवारों की संख्या 30% (प्रारंभिक प्रतिशत) से घटकर 11.5% (अंतिम प्रतिशत) हो गई है। इन अन्य चीजों में शहद, इन्फेंट-फार्मूला, जनम-घुट्टी, शुगर-सिरप, ग्राइप वाटर, शुगर/ ग्लूकोज का घोल और फलों का रस शामिल है। पिछले वर्ष 86.2% की तुलना में लगभग 91.5% परिवारों ने बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराना शुरू कर दिया है। टीकाकरण कवरेज बीसीजी, हेपेटाइटिस और डीपीटी टीकों की डोज़ उच्च दर्ज की गई है। आवश्यक टीकों की टीकाकरण कवरेज में शुरूआती स्तर (61.5%) से अंतिम स्तर (81.5%) तक उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।


विटामिन ए की खुराक और कृमिहरण


पिछले छह महीनों के भीतर लगभग 77.5% बच्चों को विटामिन ए की एक खुराक मिली थी, जिसकी मात्रा शुरूआती सर्वेक्षण में 70% थी।
शुरूआती सर्वेक्षण में 46.3% की तुलना में पिछले छह महीनों में आंत्रिक-कीड़ों के लिए किसी भी दवा का सेवन 54.1% दर्ज किया गया था। (तथ्य प्रेस नोट)