कांग्रेस खेल प्रकोष्ठ का भारत-पाकिस्तान मैच का विरोध
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जयपुर। पाकिस्तान लगातार सीमा पार से आतंकवाद, घुसपैठ और देशविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देता रहा है। ऐसे समय में भारत-पाकिस्तान के बीच खेल मुकाबले आयोजित करना शहीदों और देशवासियों की भावनाओं का अपमान है।
यह बात अमीन पठान, अध्यक्ष, खेल प्रकोष्ठ राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ने संवाददाता सम्मलेन जयपुर में कही "खेल का उद्देश्य भाईचारा और सौहार्द बढ़ाना है, परंतु जब तक पाकिस्तान अपनी नीतियों और आतंकवाद को समर्थन देने वाले रवैये में बदलाव नहीं करता, तब तक भारत को किसी भी प्रकार के खेल, सांस्कृतिक या राजनयिक संबंधों से दूरी बनाए रखनी चाहिए।"
उन्होंने कहा कि हमारी स्पष्ट मांग है कि बीसीसीआई और केंद्र की भाजपा सरकार इस मैच को रद्द करे तथा पाकिस्तान के साथ खेल संबंधों को पूरी तरह समाप्त किया जाए। राष्ट्र की सुरक्षा और शहीदों का सम्मान, किसी भी खेल या आर्थिक लाभ से कहीं बड़ा है।
हम पाकिस्तान द्वारा लगातार आतंकवाद और देश विरोधी गतिविधियों के समर्थन की कड़ी निंदा करते हैं। ऐसे हालात में भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी प्रकार का क्रिकेट मैच खेलना शहीदों और देशभक्त नागरिकों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है।
पठान ने कहा कि एक ओर हमारे जवान हर दिन शहीद होते हैं, ऐसे में खेल संबंध रखना शहीदों का अपमान है। यह केवल क्रिकेट का खेल नहीं, बल्कि राष्ट्र की गरिमा और आत्मसम्मान से जुड़ा मामला है। “खेल और आतंक एक साथ नहीं चल सकते” – यह स्पष्ट संदेश देना जरूरी है। 1962 से 1977 में पाकिस्तान से एक मैच भी नहीं खेला पुर जोर विरोध किया। 1986 और 1999 में हमने एशिया कप का बहिष्कार किया और 1993 में एशिया को बर्खास्त करना पड़ा क्योंकि हमने पाकिस्तान के साथ खेलने से मना कर दिया था। मुंबई हमले के कारण 2008 में चैंपियन ट्रॉफी में पाकिस्तान से खेलने से मना कर दिया था हमने। भाजपा के केंद्रीय मंत्री मैच के फायदे गिना रहे हैं अनुराग ठाकुर और मनोहर लाल खट्टर कह रहे है की खेल और सियासत अलग-अलग है, बोल रहे हैं जबकी ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद हमारी वीरांगनाओं के आंसू भी नहीं सूखे हैं कि हमारी इंडिया टीम यह मैच खेलने जा रही हैं।
राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, अजय जडेजा, कपिल देव, सुनील गावस्कर से क्यों सवाल पूछेंगे सवाल होगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जवाब देना चाहिए अगर यह मना कर देते हैं तो बीसीसीआई की औकात नहीं है कि वह मैच करवा ले।