एआई तकनीक में कार्मिकों को अधिक कुशल व निपुण होना होगा। एआई तकनीक का काम आपकी सहायता करना है। इसका दूरूपयोग न करे। एआई मानव सोच से कहीं ज्यादा विकसित है। युवाओं को अपने वर्तमान कौशल से निकलना होगा। पारंपरिक व तत्कालीन शिक्षा पर्याप्त नहीं है। तकनीकी और व्यावसायिक माडलो को समझने व उसका उपयोग करने की क्षमता बढाने के लिए तकनीकी प्रशिक्षण, आजीवन शिक्षण कार्यक्रम पर निरंतर ध्यान देना होगा। एआई आधारित अर्थव्यवस्था को देखते हुए युवा कौशल आधारित उच्च प्रशिक्षण ले। इसके लिए एआई कोचिंग संस्थान से कोचिंग करे। हर क्षेत्र में एआई तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा। नौकरी के सुरक्षित भविष्य के लिए एआई कौशल में निपुण होना अति आवश्यक है। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)।