जयपुर/गाजियाबाद/अलवर। आजकल पर्यावरण कार्यकर्ताओं द्वारा पर्यावरण संरक्षण कार्य करना मुश्किल होता जा रहा है। वह चाहे वृक्षारोपण हो, नदी-जल संरक्षण हो, नदी भूमि को अतिक्रमण से मुक्ति का सवाल हो या पर्यावरण संरक्षण हेतु जन-जागरण का सवाल हो, पर्यावरण कार्कर्ताओं के लिए जानलेवा होता जा रहा है। क्षेत्र के दबंग, रसूखदार लोगों द्वारा ऐसे पर्यावरण कार्यकर्ताओं का जीना दूभर हो गया है। हालिया मामला अलवर जिला अंतर्गत थाना गाजी के भोपाला गांव निवासी रामभरोस मीणा का है जो एल पी एस विकास संस्थान के तहत वृक्षारोपण, नदी जल संरक्षण सहित पर्यावरण संरक्षण हेतु शिक्षण संस्थानों में जन जागरण का कार्य करते हैं। उनके इन कामों से इलाके और गांव के कुछ ताकतवर लोगों को जो अनैतिक कार्यों में संलिप्त हैं,आपत्ति है। इनमें पूर्व सरपंच प्रतिनिधि गिरिराज मीणा प्रमुख है जो इनको अपनी राह का रोडा मानता है।
दरअसल वर्ष 2001-2002 से रामभरोस मीणा पर्यावरण संरक्षण, पानी-पेड़ संरक्षण को लेकर वृक्षारोपण,बीज सोईलिंग के साथ-साथ स्कूलों में छात्र छात्राओं, ग्रामीणों को जागरूक करने, स्थानीय स्तर तथा राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में अच्छे कार्य करने वाले वृक्ष मित्रों, पर्यावरणविदों, प्रकृति प्रेमियों व जल योद्धाओं जो राष्ट्र हित में कार्य कर रहे हैं, उनका सम्मान करना व लोगों में पर्यावरण संरक्षण हेतु जन-जागरण का कार्य कर रहे हैं। उनको इन कामों में समाज का भी भरसक सहयोग मिल रहा है।
रामभरोस मीणा अपने सीमित संसाधनों के माध्यम से वर्ष 2017-2018 से हनुमान जी की डूंगरी भोपाला पर रकबा 3.18 हैक्टेयर तन ग्राम पंचायत गुवाडा भोपाला ( ग्राम गुवाडा भोपाला), रकबा 2.70 हैक्टेयर तन ग्राम पंचायत गढबसई ( ग्राम गोवडी) गैर मुमकिन पहाड़ अधीन राजस्व विभाग, जो अतिक्रमण मुक्त क्षेत्र रहा है, एक नग्न पहाड़ होने के साथ ऐतिहासिक (अशोक कालीन समय) हनुमान जी के मंदिर के इस क्षेत्र को हरा-भरा करने के पुनीत कार्य में अपना समय एवं अपने सीमित आर्थिक संसाधन के साथ लगे हुये हैं। यहां बीते सात से आठ सालों के दौरान इनके सोईलिंग तथा लोगों को पर्यावरण संरक्षण के भाव जगाने के प्रयास मात्र से वर्तमान में 5000 के करीब पेड़ जिनकी लम्बाई एक फुट से लेकर दस फुट तक है, दिखाई देने लग गये हैं। परिणामस्वरूप यह पहाड़ अब हरा-भरा दिखाई देने लगा है।
इस सत्र 2025-2026 में यहां जैसे ही इन्होंने बीज सोईलिंग तथा पर्यावरण संरक्षण सम्बंधी स्लोगन लेखन का कार्य प्रारंभ किया है, गिरिराज मीणा सहित इलाके के बाहुबली लोगों द्वारा इनको प्रताड़ित करना शुरू कर दिया गया है। दिनांक 11/07/2025 को एक व्यक्ति द्वारा इनको पत्थर मारे गये, जान बचाकर यह जैसे तैसे गांव आ पाये। वहीं एक महिला द्वारा गालियां भी दी गईं। यही नहीं दिनांक 14/07/2025 को सुबह करीब 9.40 पर गिरिराज ने इनके घर आकर इन्हें जान से मारने, कहीं दूर जगह पर पिटवाने, मरवाने, झूठे केसों में फंसाने तथा बर्बाद करने की धमकी दी गयी। साथ ही वृक्षारोपण कार्य करने की सख्त मनाही करते हुए इनके द्वारा रोपित पेड़ों को नष्ट करने की धमकी भी दी गयी है। उसका कहना है मेरी पहुंच जयपुर तक है। मेरा भाई एम एल ए है,बेटी आर ई एस है, रिश्तेदार डी एस पी है और एक पुलिस में हेड कांस्टेबिल है। तू क्या कर लेगा।। इससे ये सदमे के साथ मानसिक तनाव में हैं । इससे श्री रामभरोस मीणा को अपनी व अपने परिवार की जान की सुरक्षा की चिंता सता रही है। सच्चाई यह है कि इनके साथ कभी भी कुछ गलत घटित हो सकता है।
इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार एवं पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत, पर्यावरणविद् पद्मश्री राजा लक्ष्मण सिंह, ग्रीनमैन विजयपाल बघेल, विश्व जल परिषद के सदस्य डा0 जगदीश चौधरी व डा0 प्रशांत सिन्हा तथा वाटर हीरो रामबाबू तिवारी ने राज्य के मुख्य मंत्री, गृह मंत्री, पुलिस महानिदेशक व जिले के कलेक्टर तथा पुलिस कप्तान को भेजे पत्र में श्री मीणा व उनके परिवार को ऐसे प्रकृति विरोधी दबंग लोगों से बचाने की मांग की है।