अमेरिका की तरफ से भारत यात्रा को लेकर नई एडवाइजरी जारी की है। विपक्ष ने कहा है कि यह वि फल विदेशी नीति है का नतीजा है। भारत के लिए एडवाइजरी और पाकिस्तान को दावत दी जा रही है। आसियान के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंध थे। अब मोदी सरकार के मंत्री चीन की बी टीम बता रहे हैं विदेश नीति को एक और बड़ा झटका लगा है।
सन 2014 तक पूरा विश्व पाकिस्तान को आतंकी मुल्क मानता था। सीजफायर के बाद से आतंक की दुकान चलाने वाले पाकिस्तान के एमआरआई के 3 मिलियन डॉलर का पैकेज मोदी जी नहीं रुकवा सके। एक जून को प्रधानमंत्री एडीबी से मिले 3 जून को एडीबी ने पाकिस्तान को 800 मिलियन डॉलर दे दिए। वर्ल्ड बैंक पाकिस्तान में 40 मिलियन डालर निवेश कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र आतंकवादी विरोधी समिति का पाकिस्तान को उपाध्यक्ष बना दिया गया है। 27 मई को हमारे सांसदों का डेलिगेशन अपना पक्ष रखने के लिए कुवैत गया था। 28 मई को कुवैत ने पाकिस्तान पर लगे 19 साल के वीजा प्रतिबंध को हटा दिया। जबकि हमारे सांसदों का डेलिगेशन वहीं पर था। मोदी जी की अनगिनत विदेशी यात्राओं, अलग-अलग देश में अपने अलग-अलग डेलिगेशन भेजना अपना पक्ष रखना सब कुछ बेकार हुआ। हमारी विदेश नीति का कोई सार्थक परिणाम नहीं मिला। भारत-पाक युद्ध के समय भी अधिकांश देश पाकिस्तान के साथ खड़े थे। मोदी जी को समय पर संभल जाना चाहिए था। पर मोदी जी मौन है खामोश है कोई प्रतिक्रिया नहीं है। बड़े-बड़े डायलॉग भी नहीं बोले जा रहे हैं।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)।