सामूहिक प्रयास

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बाल श्रम का मूल कारण आर्थिक मजबूरी है। सरकारी निशुल्क शिक्षा योजना की जानकारी केअभाव के कारण अभिभावक विद्यालय भी नहीं भेजते हैं। आर्थिक मजबूरी का लाभ उठाकर इनको न्यूनतम वेतन पर  फैक्ट्री मालिक, दुकान मालिक, घरों मे काम पर रख लेते हैं। स्थानीय स्तर पर आमजन मिलजुल कर राशि संग्रहित करके ऐसी संस्था बनाएं जहां पर इन बच्चों के निशुल्क भोजन, रहने , शिक्षा आदि की पर्याप्त व्यवस्था कर दें तो उनका भविष्य भी उज्जवल हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति आर्थिक रूप से सक्षम है तो एक-एक बच्चे की जिम्मेदारी भी उठा सकता है। आम जन अपने स्तर पर इतना प्रयास करें और सरकार भी आर्थिक सहयोग करें तो बाल श्रम को रोका जा सकता है। मात्र बाल श्रम कानून बनाने से कुछ नहीं होगा व्यवहारिक जीवन में बहुत कठिनाइयां होती है इनका निवारण करना होगा। अगर हर व्यक्ति अपनी निजी जिम्मेदारी समझ कर इन बाल श्रमिकों की जानकारी एकत्रित कर आमजन द्वारा बाल श्रमिकों के लिए बनाई गई संस्था में ले आए। कई बार हाईवे पर, अंदरूनी इलाकों में बाल श्रमिकों की जानकारी भी नहीं मिल पाती है। इसके लिए आमजन को कोशिश करनी होगी और उनको सुरक्षित लाना होगा। (लेखिका का अपना अध्ययन एवं अपने विचार है)

लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)।