मुहम्मद रफी फैसं क्लब ने रफी साहब का 100 वां जन्मदिन शिद्दत से मनाया

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जयपुर। गीत ओर संगीत का शहंशाह मुहम्मद रफी की पैदाइश का 100 वां जश्न शान से मनाया गया। शकील जयपुरी ने बताया कि बास बदनपुरा में जयपुर के बहतरीन गायको ने रफी साहब के बहतरीन पुराने गाने सुनने वालों ने जी भर के सुनाए ओर सुने गये। अबुल कलाम ने (मतलब निकल गया तो हमें जानते गये) साबिर खान ने (चोधनी का चांद हो) सुनव्वर मिर्जा ने (हुस्न वाले तेरा जवाब नहीं) चांद मलिक ने (हमदम मेरे मानभी जाओ) शहजाद अली ने (तू इस तरह से मेरी जिन्दगी) शाहिद अनसारी ने (आज की रात मेरे दिल की) (जाकिर हुसैन ने (मे ने पूछा चांद से) इकबाल अहमद ने(क्या हुआ तेरा वादा) इन सभी गानों को सभी ने बहुत पसंद किया गया।

वैभव शर्मा टीचर ने जशन पे सब को मुबारकबाद पैश कीऔर गायकों को अवार्ड के तुहबे भी दिये। प्रोग्राम का शकील जयपुरी ने दिलचस्प सचांलन किया।