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सोशल मीडिया का दैनिक जीवन में इतना प्रयोग बढ़ गया है की एक परिवार के अगर चार सदस्य हैं तो वह चारों ही मोबाइल पर लगे रहते है, बातचीत बंद हो गई हैं। परिवार में जो स्नेह और प्यार था उसकी जगह सोशल मीडिया आ गया है। खाना खाते वक्त भी मोबाइल पर लगे रहते हैं। देर रात तक मोबाइल पर लगे रहते हैं और सुबह देर से उठते हैं। यहां तक की शमशान घाट में भी मोबाइल पर लोग लगे रहते हैं, लेकिन हमारा कुछ तो वक्त ऐसा होना चाहिए कि हम परिवार वाले व मित्र आपस में मिलजुल कर संवाद कायम कर सकें।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौडगढ़ (राजस्थान)