लापरवाही से अटका सार्वजनिक चौक निर्माण का काम
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
www.daylife.page
सांभरझील। यहां के चारभुजा नाथ मंदिर के सामने स्थित सार्वजनिक चोक निर्माण के लिए पूर्व विधायक निर्मल कुमावत की अनुशंषा पर 10 लाख रुपए का बजट निवर्तमान सरकार की ओर से मंजूर किए जाने तथा इसकी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद भी करीब एक साल से यह मामला अटका पड़ा है। जिला परिषद जयपुर के अधिशाषी अभियंता के.सी. मीना ने 1 अगस्त 2023 को यहां की लोकल बॉडी को पत्र जारी कर इसकी तकलीना रिपोर्ट मांगवाई गई थी, ताकि बजट की प्रक्रिया को अंजाम दिया जा सके। प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 वर्ष की कालावधि के दौरान प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद भी लापरवाही के चलते यह कार्य अटका पड़ा है। भाजपा मंडल अध्यक्ष जितेंद्र डांगरा बताते हैं कि मैंने खुद ने कई दफा नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी से मिलकर इस प्रक्रिया को पूरा करवा दिया था और निर्माण कार्य के लिए टेंडर भी हो चुका है। अब समझ में नहीं आ रहा है इसके बाद भी काम चालू करने में आखिर दिक्कत क्या है। यह बताना जरूरी है कि जिस जगह चौक का निर्माण होना है उसके ठीक सामने 500 वर्ष पुराना चारभुजा नाथ का प्राचीन मंदिर है जो कुछ माह पहले करीब 30% ढह गया था और लगातार दरक रहा है। बता दें की निवर्तमान सरकार की और से
पर्यटन व पुरातत्व विभाग के माध्यम से यहां के धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार के लिए करोड़ों रुपए का बजट जारी किया था लेकिन इस प्राचीन मंदिर के रखरखाव और जीर्णोद्धार को पूरी तरह से गोण कर दिया गया, जिसका यहां के लोगों ने विरोध किया तो बाद में विधायक निर्मल कुमावत के दबाव में थोड़ा बहुत काम हुआ लेकिन पुरातत्व विभाग इसमें भी लीपापोती करके चला गया यानी की वास्तविक रूप में जो काम होना चाहिए था वह हुआ ही नहीं। अब हालात यह है कि यहां के पुजारी राजेंद्र व्यास अब सुबह शाम मंदिर में पूजा अर्चना के लिए जाते हैं तो सबसे पहले भगवान से दुआ करते हैं कि वह सुरक्षित वापस बाहर आ जाए। पालिका ने अपने स्तर पर इस मंदिर को लेकर कुछ ऐसा काम नहीं किया जो सराहनीय रहा हो। प्रदेश में मानसून चरम पर है मंदिर की दीवारें लगातार कमजोर हो चली है और कभी भी पूरी तरह से मंदिर गिर कर खंडर में तब्दील हो सकता है, लेकिन तमाम जानकारी होने के बावजूद जिम्मेदार लोगों ने अपनी चुप्पी साध रखी है।