सांभर हॉस्पिटल को सोनोग्राफी की दरकार, अब तो सुनो सरकार

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। उप जिला अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन का अभाव होने से क्षेत्र के जरूरतमंद लोगों को बाहर भारी मोटी रकम देकर जांच करवाने के लिए वाद्य होना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि काफी अरसा पहले यहां सोनोग्राफी की मशीन आई थी लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण उसे वापस यहां से हटा दिया गया। 

बताया जा रहा है कि इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी जयपुर ग्रामीण, स्वास्थ्य विभाग के निदेशक व स्वास्थ्य मंत्री तक को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन यहां सोनोग्राफी मशीन क्यों नहीं लगाई जा रही है यह संदेह के घेरे में इसलिए आ रहा है कि जोबनेर, नरायना के अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन है लेकिन उप जिला अस्पताल सांभर के लिए इसे आवंटित क्यों नहीं किया जा रहा है, जबकि अन्य अस्पतालों की तुलना में यहां ओपीडी का आंकड़ा 700 से 800 का प्रतिदिन है, ऐसे में जरूरतमंद मरीजों को बाहर निजी सेंटरों पर जाकर जांच करवाना उनके लिए आर्थिक बोझ साबित हो रहा है। अपनी जांच किसके कारण समय पर नहीं करवा पाते हैं और उनके उपचार में अनावश्यक देरी होती है।