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मनोहरपुर (जयपुर)। ग्राम अमरसर में स्तिथ हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतिक हजरत ख्वाजा शेख सैय्यद अहमद चिश्ती रहमतुल्ला आलेह का 3 दिवसीय वार्षिक उर्स 3 जून सोमवार से शुरू हुआ जो कि 5 जून बुद्धवार को कूल की रस्म के साथ में समपन हुआ।
दरगाह के सज्जाद नशीन पीर जी सेय्यद आबिद अली चिश्ती फरीदी फखरी ने बताया कि 3 जून सोमवार को उर्स की शुरूआत हुई इसी के साथ में जायरीन का आना शुरू हुआ रात्रि 10 बजे बाद में मिलादुन्नबी कमेंटी द्वारा मिलाद शरीफ की गई जिसमे खुदा के हुकम व मोहम्मद साहब के बताए हुए मार्ग पर चलने की बात कही गई।
इसी प्रकार 4 जून मंगलवार को दोपहर 2 बजे बाद में चद्दर का जुलूस निकला जो कि कस्बे के प्रमुख मार्ग होकर दरगाह प्रांगण में आया जहां पर खादिम के द्वारा बाबा को चद्दर पेश की गई। रात्रि 10 बजे बाद में राजस्थान की मशहूर कव्वाल पार्टी मरहूम लियाकत, रहीस, फारूक, मोहम्मद हुसैन कव्वाल पार्टी द्वारा महफिले शमा की गई इसमें संपूर्ण रात्रि तक बाबा की मान मनुहार की गई। इसी प्रकार 5 जून बुधवार को सुबह 10 बजे महफिले रंग व कूल की फातिहा व लंगर वितरण किया गया।
इस अवसर पर इमरान मलिक, इमरान शाह, साबिर अली, फरीद अली, अय्यान गौरी, सलीम कुरेशी, रोशन मनियार महबूब मनियार रसूल मनियार आमीन (जयपुर),फारूक गुलाटी, रिजवान खान, फारूक गाजी, सूफी रियाजुद्दीन, कम्मू धोबी, गोपाल शार्दुलअल्ताफ, प्रहलाद सैनी, जयपुर से फय्युम, शेफ खान, इस्माल आदि उपस्थित थे।
उन्होंने बताया कि ये बाबा ताला में हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतिक हजरत बुर्रहानुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह आलेह के पिरो मुर्शद है। उन्होंने बताया कि बाबा का नाम हजरत ख्वाजा शैख शाह सैय्यद अहमद चिश्ती रहमतुल्लाह अलेहे है बाबा बग़दाद से तशरीफ़ लाये थै आपके सात एक बहुत बड़ा काफीला था आप जब आये थै तो आपने ही आकर के अल्लाह के हुकूम से इस गांव में अल्लाह की इबादत की ओर अपने काफीले को अल्लाह के हुकूम से यही रोक दिया और आप अल्ला की इबादत में मशरूफ हो गये ओर फिर आप यही रह गए आपने ही आकर ईस गांव को बसाया ओर फिर बाबा शेख बुर्रहानुदिन चिश्ती आपने पीर की तलाश में अल्लाह के हुकूम से यहां आए फिर सरकार ख्वाजा अहमद चीश्ति ने बाबा शैख बुर्रहानुद्दीन चिश्ती को अल्लाह के हुकूम से अपना मूरीद बनाया ओर फिर आप को अल्लाह की इबादत में मशरूफ होने का हूक्म दीया फीर कुछ सालो बाद आपने बाबा बुर्रहानुद्दीन चिश्ती को खीलाफत से नवाजा ओर फीर गांव से कूछ दूर जाकर आप से चील्ला करवाया जो आज भी याद मोजूद है दरगाह हजरत ख्वाजा शैख सैय्यद शाह अहमद चिश्ती रहमतुल्लाह आलेह की औलादों में आप की 8 पीढीयों को अल्लाह वीलायत से नवाजा है दरगाह में सात वलीयो के आस्ताने है यहा 7 वली आराम फरमाते हैं ओर उन की आल ओर औलादों 19 वी पीड़ी से है जो अभी याहा शैज्जादा नशीन व गद्दे नशीन है जीनका नाम सैय्यद आबिद अली चिश्ती फरीदी है यै ईन वलीयो आल मैं है यहा हर साल खाली के चांद की 25,26,27 तारीख को 3 तीन दीन उर्स बनाया जाताहै यै परम्परा पीढीयो से चली आ रही है यै दरगाह जयपूर जिले के एक गांव में है जीस गांव का नाम अमरसर है तहसील शाहपुरा है।