राजनीति और भ्रष्टाचार

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लोकतंत्र की राजनीति अब पारदर्शी नहीं रह गई है राजनीति और भ्रष्टाचार इस इस तरह गुल मिल गए हैं अब इनको अलग नहीं किया जा सकता। ऊपर से लेकर नीचे तक एक पूरी श्रृंखला है जो भ्रष्टाचार  में शामिल है। शातिर अपराधी लुटेरे, बलात्कारियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है अपराधिक पृष्ठभूमि वाले को भी टिकट दिया जाता है। इन चुनाव लड़ने वालों की आयु सीमा व शैक्षणिक योग्यता के मानक भी तय नहीं है। अगर स्वच्छ राजनीति चाहिए तो इन सब पर रोक लगानी होगी। दूसरी बात देश के युवाओं को राजनीति में आने का अवसर दिया जाए। यह युवा पीढ़ी ऊर्जावान है और कुछ कर गुजरने का साहस भी है और राजनीति में बदलाव करने का जोश भी है। लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)