शिक्षा अधिकारी ने विद्यालय का किया औचक निरीक्षण

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पीपलू/टोंक। उपखंड क्षेत्र के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लोहरवाड़ा में प्रधानाचार्य के समय से नहीं आने, उपस्थिति पंजीका में कांट-छांट करने का मामला सामने आया है। साथ ही प्रदेश में कोविड-19 के बाद पढ़ाई में गुणवत्ता के लिए राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम में तीसरे चरण की सोमवार से शुरु हुई परीक्षा में भी केन्द्राधीक्षक की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। प्रधानाचार्य दीपिका भार्गव सोमवार को आयोजित परीक्षा शुरु होने पर भी बिना किसी सूचना के अनुपस्थित मिली। ऐसे में परीक्षा संपन्न कराए जाने को लेकर प्रधानाचार्य जो कि केन्द्राधीक्षक थी के हस्ताक्षर व उपस्थिति के बिना आलमारी से पेपर निकाले गए। परीक्षा का समय सुबह 8.30 से 9.30 बजे तक था वहीं प्रधानाचार्य 9.30 बजे विद्यालय पहुंची। 

सीबीईओ टीम के साथ पहुंचे औच निरीक्षण करने

सोमवार को मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी विष्णु शर्मा, एसीबीईओ नरेन्द्रकुमार सौंगाणी, रिसोर्स पर्सन रविन्द्र विजयवर्गीय आरकेएसएमबीके तृतीय चरण की परीक्षा को लेकर लोहरवाड़ा विद्यालय का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण दौराने उपस्थिति पंजीका की जांच की तो प्रधानाचार्य की उपस्थिति का कॉलम रिक्त पाया गया। साथ ही इंचार्ज से जानकारी मांगने पर बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहने की जानकारी मिली। इस पर प्रधानाचार्य की अनुपस्थिति दर्ज की गई। साथ ही पूर्व में भी उपखंड अधिकारी, सीबीईओ, एसीबीईओ के निरीक्षण पर उपस्थिति पंजीका में अनुपस्थित रहने पर किए गए क्रॉस पर ऑवरराइटिंग के साथ हस्ताक्षर पाए गए। इस मामले में सीबीईओ कार्यालय ने प्रधानाचार्य, विद्यालय प्रभारी, परीक्षा प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी किए। 

निरीक्षण में यह लापरवाही आई सामने

निरीक्षण दौराने आरकेएसएमबीके तृतीय चरण के प्रश्न पत्र लिफाफा बिना प्रधानाचार्य के हस्ताक्षरों के खोला जाना पाया गया। प्रश्न पत्र आलमारी की दोनों चाबियां परीक्षा प्रभारी के पास मिली जबकि एक चाबी केन्द्राधीक्षक के पास होनी चाहिए। प्रश्न पत्र आलमारी सील पर भी प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर नहीं थे तथा सील खुली मिली। 8.30 बजे तक भी अध्यापकों एवं छात्र-छात्राओं की उपस्थिति शाला दर्पण पर दर्ज नहीं की गई। आदेश पंजीका आलमारी में लॉक मिली जिसकी चाबी प्रभारी के पास नहीं थी। 

जयपुर से करती है अपडाउन

ग्रामीणों ने जांच करने पहुंची टीम को बताया कि प्रधानाचार्य दीपिका भार्गव जयपुर से अपडाउन करती है जिसके चलते प्रतिदिन विद्यालय में देरी से पहुंचती है तथा जल्दी चली जाती है। भार्गव देरी से आने, जल्दी जाने का कारण बस खराब होना, मीटिंग में चले जाने, वीसी में जाना है, विभागीय काम से जाना है के कारणों के साथ विद्यालय से भी ज्यादातर गायब रहती है। जबकि 8 किमी के दायरे में रहना आवश्यक है। साथ ही मुख्यालय छोडऩे से पहले अनुमति लेनी होती है। 

उपस्थिति पंजीका में मिली कांट छांट

5 अप्रैल 2024 को एसीबीईओ नरेन्द्रकुमार सौंगाणी ने विद्यालय का औचक निरीक्षण किया था। प्रधानाचार्य के अनुपस्थित रहने पर प्रश्नवाचक चिह्न लगाया था। सोमवार को जांच में पाया गया कि उस जगह पर प्रधानाचार्य ने ओवरराइटिंग करते हुए हस्ताक्षर कर दिए। इतना ही नहीं 12 सितंबर 2023 को सीबीईओ निरीक्षण, 1 फरवरी 2024 को उपखंड अधिकारी के निरीक्षण में भी प्रधानाचार्य की काफी शिकायतें व अनियमितता मिली थी। साथ ही प्रधानाचार्य उपस्थिति पंजीका में अग्रिम हस्ताक्षर करते हुए जांच में दोषी पाई गई थी। वहीं पंजीका में 50 से अधिक स्थानों पर डीएल, टी, पूर्व पदस्थापन विद्यालय दुर्गापुरा अंकित कर पूरे दिन विद्यालय नहीं आना पाया गया है। वही ई बार वीसी, मीटिंग के बहाने विद्यालय नहीं गई। जबकि विभागीय मीटिंग या वीसी करीब 1 या 2 घंटे तक होती है। 

महिला थाने में रिपोर्ट की देती है धमकी

इतना ही नहीं प्रधानाचार्य विद्यालय स्टॉफ शिक्षकों को उसके समय पर नहीं आने तथा लापरवाही के मामले में शिकायत पर महिला थाना, महिला आयोग में रिपोर्ट करने की धमकी देकर डराती है। जिससे कार्मिक तनाव में रहते हैं तथा प्रधानाचार्य के समय पर नहीं आने की किसी भी प्रकार की शिकायत करने से डरते हैं। 

उच्चाधिकारियों को लिखा लेकिन कार्रवाई नहीं

प्रधानाचार्य दीपिका भार्गव के आचरण व्यवहार को लेकर 1 फरवरी 2023 को तत्कालीन उपखंड अधिकारी के निरीक्षण में स्टॉफ, विद्यार्थियों ने भी शिकायत की थी। इस मामले में 2 फरवरी को पूर्व के विभागीय निरीक्षण, उपखंड अधिकारी निरीक्षण रिपोर्ट को शामिल करते हुए उच्चाधिकारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए लिखा गया था लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं होने से प्रधानाचार्य के हौंसले बुलंद है। 

क्या कहते है प्रधानाचार्य, कार्यवाहक इंचार्ज, परीक्षा प्रभारी

प्रधानाचार्य दीपिका भार्गव ने निरीक्षण दौरान विद्यालय में उपस्थित नहीं होने के जवाब में सोहेला में बस खराब होने की बात कही। जबकि प्रधानाचार्य ने मुख्यालय छोडऩे के लिए कोई अनुमति नहीं ले रखी थी। 

प्रधानाचार्य की अनुपस्थित में विद्यालय प्रभारी कन्हैयालाल मीणा ने कहा कि चुनाव ड्यूटी के बाद सोमवार को ही विद्यालय आया है। प्रधानाचार्य ने विद्यालय नहीं आने के संबंध में उसे कोई सूचना नहीं दी। साथ ही लिखित में मुझे विद्यालय प्रभारी भी नहीं बना रखा है। इसलिए प्रश्न पत्र लिफाफे पर हस्ताक्षर नहीं किए। परीक्षा प्रभारी ने मेरी परीक्षा में ड्यूटी लगाई थी तो मैं परीक्षा कक्ष में चला गया था। 

परीक्षा प्रभारी सूरजकरण मीणा ने बताया कि प्रधानाचार्य ने मुझे मोबाइल पर सूचना दी कि वह विद्यालय आ रही है। लेकिन परीक्षा अपने स्तर पर सुचारू रूप से समापन करवाने की सुनिश्चितता करें। मैं विद्यालय आकर लिफाफे पर हस्ताक्षर कर दूंगी।