ट्रायल ट्रैक के निर्माण के लिए काम में ली जा रही है सांभर झील की मिट्टी

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। गुढ़ा मुख्यालय स्थित सांभर की लवणीय झील  में अलग-अलग जगहों से कई बीघा क्षेत्र में करीब 8 से 10 फीट फिट गहराई तक खोज कर इसकी मिट्टी को काम में लेने का मामला प्रकाश में आया है। बता दें कि इन दिनों सांभरझील में बन रहे देश के प्रथम स्पीड ट्रायल ट्रेक के निर्माण कार्य में बेड (पटरियों के नीचे मजबूती प्रदान करने के लिए बिछाई जाने वाली मिट्टी) के लिए सांभर की लवणीय झील की मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है। मिट्टी का उपयोग करने के बाद इन गड्ढों की भरपाई कैसे होगी इस बारे में कोई स्थिति स्पष्ट नहीं है।  मिट्टी खनन के पश्चात खुले पङे गड्डों में कभी भी कोई हादसा हो सकता है। 

बताया जा रहा है कि 11 केवी व 33 केवी विधुत लाईन की केबले, पोल और वोरबेल की पाईपलाईने भी भूमि के अंदर गड़ी हुई है। बरसात के दिनों में झील पानी से लबालब भर जाती है  एसे में कभी भी  फाॅल्ट होकर करंट फैल सकता है। काफी अरसा पहले यहां पर बड़ी तादाद में  पक्षियों की त्रासदी भी हो चुकी है। अब करोङों रूपए की लागत से तैयार हो रहे ट्रेक निर्माण के काम में ली गई मिट्टी के बाद हुए इन गड्ढों से स्थानीय लोगों को भी हादसे का भय सताने लगा है। सूत्रों ने बताया कि गत दो तीन साल में कई बार गाय, सांड आदि पालतू जानवर गिरकर चोटिल हो चुके है लेकिन जिम्मेदार प्रशासन को इससे कोई सरोकार नहीं है। 

लोगों ने बताया कि यहां पहले गुडी बोलावणी तालाब निर्मित था अब यहां जगह-जगह गड्ढे होने से नई पीढी को पता ही नहीं चल रहा है कि यहां पर तालाब कौनसा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार झील परिक्षेत्र में पहले से ही सैकड़ो की तादाद में अवैध बोरवेल होने से झील का कलेजा पहले से ही काफी छलनी हो चुका है ऐसी स्थिति में प्राकृतिक आपदा का खतरा और अधिक मंडराने लगा है।