ज़कात से हम राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं : शब्बीर खान

ज़कात कांफ्रेंस का आयोजन 

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जयपुर। "ज़कात के सामाजिक व आर्थिक प्रभाव" विषय पर ज़कात कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता ज़कात सेंटर इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल जब्बार सिद्दीक़ी थे। अब्दुल जब्बार सिद्दीक़ी ने इस अवसर पर बताया कि ज़कात इस्लाम का अभिन्न अंग है जिसकी पालना हर धनी मुसलमान को करना होती है। ज़कात मालदार के धन में निर्धन का हक़ है। ज़कात के द्वारा संपन्न मुस्लिम समाज निर्धन समाज को अपने पैरों पर खड़ा करने में महत्वपूर्ण योगदान देकर समाज से गरीबी उन्मूलन का कार्य करता है।

आज अगर संपन्न मुस्लिम समाज सामूहिक तौर पर ज़कात जमा करके योजनाबद्ध तरीके से निर्धन व बेरोज़गार व्यक्तियों को रोज़गार से जोड़ने जैसे कार्यों पर खर्च करने लग जाए तो बहुत जल्द समाज को हर सतह पर ऊपर उठाया जा सकता है।

जयपुर शहर मुफ्ती ज़ाकिर नोमानी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया व राष्ट्रीय महासचिव के साथ श्रोताओं के प्रश्नों के उत्तर दिए। ज़कात सेंटर इंडिया की जयपुर इकाई के अध्यक्ष शब्बीर खान 'कारपेट' ने ज़कात सेंटर इंडिया की स्थापना की आवश्यकता बताते हुए कहा कि भारत का मुसलमान हर साल क़रीब 35 हज़ार करोड़ रुपए ज़कात देता है लेकिन उसकी सामूहिक व्यवस्था न होने के कारण यह पूरा पैसा व्यर्थ हो रहा है। ज़कात की सामूहिक व्यवस्था से मुस्लिम समाज की अनेक समस्याओं का आसानी से निवारण करके राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है।

जयपुर इकाई के सदस्य मुहम्मद इमरान ने ज़कात सेंटर इंडिया की दो वर्षीय रिपोर्ट को आंकड़ों के साथ प्रस्तुत किया। साथ ही जयपुर इकाई के एकाउंटेंट मुहम्मद सलीम ने ज़कात की गणना को आसान भाषा में समझने के लिए परफोरमा प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन ज़कात सेंटर की जयपुर इकाई के महासचिव नईम रब्बानी ने किया। (प्रेसनोट)