शहीद लेफ्टिनेंट पूनमचंद टाक की प्रतिमा का 58 साल बाद अनावरण

भारत-पाक युद्ध के दौरान वर्ष 1965 में हुए थे शहीद

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। सांभर निवासी शहीद पूनमचंद टाक की मूर्ति का अनावरण उनके शहीद होने के करीब 58 साल बाद कटला बाजार स्थित गांधी बालवाड़ी के प्रांगण में हुआ। इस दौरान शहीद परिवार की सभी महिला सदस्य भाव-विह्वल हो गई। सांभर उप जिला के एक मात्र सैनिक अफसर रहे शहीद पूनमचन्द टांक भारत पाकिस्तान  युद्ध में देश रक्षा के कर्तव्य में प्राणों का न्योछावर कर सदा सदा के लिए अमर हो गए थे। शहीद होने से पहले उन्होंने अपने अन्तिम पत्र में लिखा था।" मुझे जीने मरने का का फिक्र नहीं हैं केवल देश रक्षा की चिंता हैं। मैं देश के लिए फौज में भर्ती हुआ हूँ,  मां आपको मुझ पर गर्व होना चाहिए कि आपका सबसे बडा लडका फौज में हैं और देश की सीमाओं की रक्षा लिए जी जान से लगा हुआ हैं इससे बडा एक मां का सौभाग्य और कुछ नहीं हो सकता है। आप भाग्यशाली मां है जिसने अपने कलेजे के टुकड़ें का देश की रक्षा के लिए भेज रखा हैं।" सांभर निवासी लालजी टाक के सुपुत्र पूनमचन्द का जन्म 10 जनवरी 1935 को गंगादेली की कोख से हुआ। पूनमबन्द की बाल्यकाल की शिक्षा प्राइमरी स्कूल में पूरी हुई। 

उन्होंने दरबार हाईस्कूल सांभर लेक से सन् 1951 में विज्ञान विषय पढ़ाई की। टाक ने पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद व संगीत में विशेस रूचि रखी कई परितोषिक भी प्राप्त किये। सांभर में होने वाले सार्वजनिक उत्सवों व रामलीला में आपके संगीत का मुख्य कार्य रहा करता था। हाई स्कूल की शिक्षा पूरी कर जयपुर के महाराजा कालेज ते इण्डर साईंस बाईलोजी पास की। जनसेवा व दूसरे लोगों के लिये कुछ कर सकने की भावना से प्रेरित होकर डाक्टरी की पढाई करने के लिए स्थानीय मेडिकल कालेज में शिक्षा आरम्भ की। 

कालेज शिक्षा के साथ ही जयपुर में फलाईंग का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया व परीक्षा पास की। टाक  1-9-1955 को एन. सी. सी. में भर्ती हुए व 18-3-1961 तक एन.सी.सी. के कार्य में लगे रहे। 6 वर्ष की इस अवधि में कई एनसीसी के वार्षिक व मेडिकल समाज सेवा के शिविरों में भाग लिया व अपने कार्य से एक उदाहरण प्रस्तुत किया। अन्डर आफिसर पूनमचन्न: टाक 14 वीं राजस्थान एन ती ती कम्पनी के 1961 में सर्वश्रेष्ठ चुने गये। राजस्थान के तत्कालीन राज्यपाल सरदार गुरुमुख निहालसिंह की और से टाक को ट्राफी दी गई व टाक को आफिसर केडिट भी चुना गया। 

बता दे की पूनम चंद तक देश रक्षा की सेवा करते हुए 18 सितंबर 1965 को भारत-पाक युद्ध के दौरान शहादत दी थी। मूर्ति अनावरण समारोह में शहीद परिवार के अनेक सदस्यों, पूर्व अध्यक्ष सैनिक कल्याण बोर्ड प्रेमसिंह बाजोर, पूर्व एमएलए निर्मल कुमावत, बीजेपी अध्यक्ष जितेंद्र डांगरा, विष्णु सिंघानिया व अनेक की मौजूदगी रही।