तमिलनाडु में नई क्षेत्रीय पार्टी का ऐलान : लोकपाल सेठी
लेखक : लोकपाल सेठी

वरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं राजनीतिक विश्लेषक 

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दक्षिण भारत, विशेषकर तमिलनाडु में, राजनीति और फिल्म जगत का करीबी रिश्ता रहा है। अगर इस रिश्ते का सही मायनों में बदला जाये तो यह कहा जा सकता है कि दक्षिण के कई राज्यों में वहां की राजनीति पर फिल्म अभिनेताओं या फिल्म जगत से जुडी हस्तियों का दबदबा रहा है। लगभग चार दशक पूर्व तमिलनाडु के जाने मने फिल्म कलाकार एमजी रामचंद्रन, जिन्हें एमजीआर के नाम से पुकारा जाता था, ने राज्य के प्रमुख क्षेत्रीय दल द्रमुक से अपनी राजनीति शुरू की थी। उन्होंने करूणानिधि के साथ मिलकर राज्य में सरकार चलाई। करुणानिधि राजनीति में आने से पहले एक जाने माने फिल्म पटकथा लेखक थे। रामचंद्रन के साथ  उस समय की जानी मानी अभिनेत्री जय ललिता भी राजनीति में आ गई। यह अभिनेत्री एमजीआर के बहुत नज़दीक थी। इसको लेकर पार्टी के भीतर बहुत से नेता खुश भी नहीं थे। 

एमजीआर के निधन बाद पार्टी में विभाजन हो गया। जय ललिता ने अपना अलग दल अन्नाद्रमुक बना लिया। अगले कुछ दशकों तक दोनों दलों ने बारी-बारी से राज्य में सरकार चलाई। यानि कुल मिलाकर फिल्म जगत से जुड़े लोग राज्य की राजनीति पर काबिज़ रहे। जय ललिता और करुणानिधि के निधन के बाद लगभग पांच वर्ष पहले ऐसा समय आया जब राज्य के इन दोनों प्रमुख दलों में महत्वपूर्ण पदों पर फिल्म जगत से जुड़ा कोई नेता नहीं था। 2019 के लोकसभा तथा 2021 विधानसभा चुनाव बिना किसी अभिनेता की छत्रछाया के लड़े गए। विधानसभा के कुछ पहले तमिल  और मलयालम भाषा के एक बड़े अभिनेता कमल हासन ने भी एक क्षेत्रीय दल बनाया। इस नई पार्टी ने अपने दम पर कई स्थानों पर उम्मीदवार खड़े किये पर कहीं भी इस नए दल को जीत हासिल नहीं हुई। रजनीकांत तमिल फिल्मों ऐसे अभिनेता है जिन्हें यहाँ लगभग भगवान का सा दर्जा मिला हुआ है। उनका असली नाम शिवाजीराव गायकवाड है। वे कर्नाटक के मराठी इलाके से आते है। वे कई दशकों से तमिल फिल्म उद्योग से जुड़े हुए है। उनके चाहने वाले उनके ऐसे दिवाने है कि जब भी उनकी कोई फिल्म रिलीज़ होती है सारे राज्य में उनके कट आउट लगाये जाते  है। फिल्म रिलीज़ होने के दिन उनके फैन इन कट आउट का अभिषेक करते है। यह माना जाता है कि वे बीजेपी के बहुत करीब है। पिछले लोकसभा चुनावों से पूर्व यह कहा जा रहा था कि वे बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राज्य के पिछले विधानसभा चुनावों से पूर्व उन्होंने घोषणा की थी कि वे अपना नया दल बनायेंगे तथा दल उम्मीदवार भी खड़े करेगा। नए दल की घोषणा की तारीख तक बता दी गई लेकिन इसके आगे कुछ नहीं हुआ। बाद में यह कहा गया कि रजनीकांत ने आखरी क्षण यह तय किया कि वे खुले रूप से राजनीति में नहीं जायेंगे वे अपने आप को राजनीति को सही खिलाड़ी नहीं मानते। 

अब तमिलनाडु सिनेमा के एक बड़े नेता, विजय तलपति ने एक नया क्षेत्रीय दल बनाने की घोषणा की है। इसका नए दल का नाम तमिलझागा वेगी कषगम रखा गया है। हिंदी में इसे गरीबों और पिछड़ों का विजयी दल कहा जा सकता है। तलपति इस समय रजनीकांत के बाद दूसरे बड़े तमिल अभिनेता है। तलपति का हिंदी में अर्थ सेनापति है। उनकी छवि गरीबों और दलितों के मसीहा जैसी है। उनकी फ़िल्में हिंदी सहित कई अन्य भाषाओं में डब की जाती है। वे एक फिल्म के लिए 100 करोड़ रूपये तक लेते है। वे न तो राज्य के सत्तारूढ़ दल के नजदीक हैं और न ही बीजेपी के समर्थक माने जाते है। उन्होंने अपनी एक फिल्म में द्रमुक सरकार की नीतियों की आलोचना की थी। जबकि एक अन्य फिल्म में उन्होंने केंद्र जी एस टी कर प्रणाली पर कटाक्ष किया था। पार्टी की घोषणा करते समय ही  उन्होंने यह साफ़ कर दिया था कि उनकी पार्टी  किसी गठबंधन का हिस्सा बनेगी। 

उन्होने शुरू में ही यह बता दिया कि उनकी पार्टी एक क्षेत्रीय दल है तथा यह अपने आप को तमिलनाडु तक ही सीमित रखेगी। पार्टी लोकसभा के चुनावों में कोई उम्मीदवार नहीं खड़े  करेगी और न ही किसी दल का समर्थन करेगी। उन्होंने  कहा कि उनकी पार्टी ने अभी से 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी।