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जयपुर। राष्ट्रीय कवि संगम राजस्थान की एक दिवसीय प्रांतीय कार्यकारिणी बैठक, सम्मान समारोह एवं काव्य गोष्ठी जयपुर के वैशाली नगर चित्रकूट स्थित होटल टिप-टाप प्लाजा में संपपन हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक एवं राष्ट्रीय कवि संगम राजस्थान के अध्यक्ष जोगेश्वर गर्ग थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल ने की। कवि संगम के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ अशोक बत्रा एवं प्रसिद समाजसेवी एवं उद्योगपति सुभाष गुप्ता थे। इस अवसर पर जोगेश्वर गर्ग का राष्ट्रीय कवि संगम की ओर से सम्मान किया गया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष जगदीश मित्तल ने जोगेश्वर गर्ग को साफा, शाल एवं अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मान किया। इस अवसर पर जगदीश मित्तल ने राष्ट्रीय कवि संगम की राष्ट्र जागरण में महती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए राजस्थान प्रदेश इकाई के कार्यों की भूरी भूरी प्रशंसा की। मुख्य अतिथि जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि रामजी की अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा तो हो गई है परंतु रामराज्य की देश में प्राण प्रतिष्ठा अभी होनी है, एवं भारत के स्वर्णिम युग का स्वप्न साकार करना है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ अशोक बत्रा ने राष्ट्रीय कवि संगम के उद्देश्यों, उपलब्धियों एवं संकल्पों को विस्तार से रखा। कवि संगम के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष किशोर पारीक किशोर ने अपने स्वागत सम्बोधन में अतिथियों का अभिनंदन करते हुए राजस्थान में कवि संगम के विस्तार एवं नवीन संरचना पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में जयपुर एवं राजस्थान के विभिन जिलों के पदाधिकारियों ने भी जोगेश्वर गर्ग का अभिनंदन किया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय कवि संगम के प्रदेश महामंत्री विवेकानंद एवं युवा कवि सतपाल सोनी ने किया। इस अवसर पर राजस्थान को तीन प्रांतों में विभाजित कर वहाँ के पदाधिकारियों की घोषणा भी की गई।
इस अवसर पर आयोजित काव्य गोष्ठी में ललिता जोशी, रोहित कृष्ण नन्दन, नीता भारद्वाज, मुदिता ठाकर, रमा शर्मा, सबिता पारीक, सतपाल सोनी, विवेकपाल सिंह, मनोज निडर, अमित आजाद, कन्हैया शर्मा, जितेन्द्र जालोरी, श्रवण सागर, जगदीश मोहन रावत, डॉ एन एल. शर्मा, वेदप्रकाश दाधीच, विनय कुमार अंकुश, बनवारी लाल, जितेश कुमार, भगवान सहाय पारीक, मीनाक्षी पारीक, अनिता भारदाज, कल्याण सिंह शेखावत, मुकेश गुप्ता, आलोक चतुर्वेदी, राजेन्द्र कुमार, संजय कुमार नूतन, योगेश वशिष्ठ, आशिष इन्डोरिया, सुरेन्द्र शर्मा, एडवोकोट संजय, केसरदेव मारवाडी,गोपाल लाल मीणा, अरुण ठाकर, धनराज दाधीच, मुदिता ठाकर, योगेश्वर नारायण, सोहन प्रकाश, श्याम सिंह राजपुरोहित, डॉ सुशील शील, सुरेन्द्र यादवेन्द्र सहित अनेक वरिष्ठ कवियों ने अपनी रचनाओं से सभी को रससिक्त कर दिया।