संबलपुर। देश के प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में से एक आईआईएम संबलपुर के कैम्पस में इनोवेशन, डिज़ाइन और एंटरप्रेन्योरशिप (आईडीई) बूटकैंप शुरू हुआ। 5-दिवसीय इस बूटकैंप का आयोजन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल (एमआईसी) द्वारा किया जा रहा है। एआईसीटीई के चेयरमैन प्रोफेसर टी.जी. सीताराम ने एआईसीटीई मुख्यालय, नई दिल्ली से वर्चुअल मोड में आईडीई बूटकैंप का उद्घाटन किया।
बूटकैंप में महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, गुजरात, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से 81 स्टार्टअप भाग ले रहे हैं। इनमें से 40 स्टार्टअप अकेले ओडिशा से हैं।
एआईसीटीई के चेयरमैन प्रोफेसर टी.जी. सीताराम ने पहले चरण में आयोजित छह आईडीई बूटकैंप को हासिल कामयाबी का जिक्र करते हुए कहा, पहल दौर में मिली सफलता के बाद दूसरे चरण में दस स्थानों पर इनोवेशन, डिज़ाइन और एंटरप्रेन्योरशिप (आईडीई) बूटकैंप लगाए जा रहे हैं। यह कैंप दरअसल माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई अनूठी पहल का प्रतीक हैं। इनके आयोजन का लक्ष्य भारत के युवाओं के बीच नवाचार, डिजाइन और उद्यमशीलता कौशल को बढ़ावा देना है।
आईआईएम संबलपुर के निदेशक प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने कहा, यह पहल हमारे माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो भारत को स्टार्टअप युग में अग्रणी बनाने की कल्पना करते हैं। आज की दुनिया में, पावर को हार्ड पावर और सॉफ्ट पावर में वर्गीकृत किया जा सकता है। और इनोवेशन सॉफ्ट पावर का एक महत्वपूर्ण तत्व है। अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता सॉफ्ट पावर के परस्पर जुड़े हुए घटक हैं। हालांकि फंडिंग एक चुनौतीपूर्ण काम है, फिर भी भारत अनुसंधान और नवाचार में प्रगति कर रहा है। उद्यमिता और स्टार्टअप में भारत की गिनती दुनिया में शीर्ष तीन स्थानों में होती है।
प्रोफेसर जायसवाल ने आगे कहा, छात्रों और इनोवेटर्स के लिए नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वाले और निर्माता बनना महत्वपूर्ण है। छात्रों को अपना पाठ्यक्रम पूरा करने से भी आगे बढ़कर सोचना चाहिए। नवाचार हर देश के भविष्य की कुंजी है, और इसमें उद्योगों को आकार देने, बाजारों में क्रांति लाने और दुनिया पर स्थायी प्रभाव छोड़ने की शक्ति है।
परिचयात्मक भाषण आईआईएम संबलपुर के प्रोफेसर दिवाहर नाडर ने दिया, जबकि कार्यक्रम का समापन प्रोफेसर इशिका जयसवाल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
पहले दिन प्रतिभागियों ने प्रदर्शनी में अपने नवाचारों का प्रदर्शन किया। चौथे दिन, प्रतिभागियों को वास्तविक दुनिया के बारे में अपना विजन विकसित करने और उन्हें नेटवर्किंग के अवसर और रचनात्मक प्रेरणा प्रदान करने तथा उनकी उद्यमशीलता मानसिकता को बढ़ाने के लिए स्थानीय दौरे की व्यवस्था की जाएगी। अंतिम दिन, छात्र टीमें स्टार्टअप संस्थापकों, इनक्यूबेटरों, एलपी विशेषज्ञों, एंजेल निवेशकों और वीसी और ज्ञान एजेंसियों वाले विशेषज्ञ पैनल के सामने अपने नवाचारों को प्रस्तुत करेंगे। आईडीई बूटकैंप नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का उदाहरण है, जो भारत को नवाचार-संचालित उद्यमों के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में प्रेरित करता है।