मीडिया ने मुझे जाना-माना और अनोखा व्यक्तित्व बना दिया : डॉ कमलेश मीना

मेरी तरह ग्रामीण पृष्ठभूमि से हिंदी माध्यम से शिक्षा लेकर आया व्यक्ति आज के जमाने में नाम, शोहरत, तरक्की और गौरव नहीं पा पाता

लेखक : डॉ कमलेश मीना

सहायक क्षेत्रीय निदेशक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, इग्नू क्षेत्रीय केंद्र भागलपुर, बिहार। इग्नू क्षेत्रीय केंद्र पटना भवन, संस्थागत क्षेत्र मीठापुर पटना। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार।

एक शिक्षाविद्, स्वतंत्र सोशल मीडिया पत्रकार, स्वतंत्र और निष्पक्ष लेखक, मीडिया विशेषज्ञ, सामाजिक राजनीतिक विश्लेषक, वैज्ञानिक और तर्कसंगत वक्ता, संवैधानिक विचारक और कश्मीर घाटी मामलों के विशेषज्ञ और जानकार।

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मित्रों, आज मैंने जो कुछ भी हासिल किया है उसका श्रेय पत्रकारिता और मीडिया को जाता है। आज की दुनिया में मुझे जो भी थोड़ी सी जगह मिली है, उसका श्रेय मेरी पत्रकारिता और जनसंचार शिक्षा और मेरे मीडिया प्रोफेसरों, शिक्षकों और वरिष्ठ पत्रकारों को जाता है।

दोस्तों, 23 जनवरी 2024 को मेरे मीडिया शिक्षक प्रोफेसर संजीव भानावत ने मेरे साथ एक खूबसूरत वीडियो साझा किया जो हमारे अध्ययन के दिनों का हिस्सा था जब हम राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के जनसंचार केंद्र के तहत जनसंचार और पत्रकारिता के छात्र थे। वास्तव में प्रोफेसर संजीव भानावत जी द्वारा साझा किए गए इस पुराने वीडियो को देखने के लिए और हमने 20 जनवरी 2007 को सेंटर फॉर मास कम्युनिकेशन, राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित भंवर सुराणा मेमोरियल व्याख्यान में भाग लिया। मैं मास्टर ऑफ जर्नलिज्म मास कम्युनिकेशन में अंतिम वर्ष का छात्र था। यह 17 साल पुरानी स्मृति थी और हमें डॉ. मनोहर प्रभाकर जी, डॉ. अमर सिंह राठौड़ जी, डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल जी आदि जैसे विद्वान और प्रसिद्ध मीडिया हस्तियों द्वारा मीडिया की कई चीजें, पहलू और समझ की अवधारणाएं सिखाई गईं थीं।

इस वीडियो में मेरे कई दोस्त भी दिख रहे हैं जो मेरे बैच का हिस्सा थे जैसे प्रवीण गौतम जिनकी दुर्भाग्य से 2007 में सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। डॉ. खुशबू कपूर और आज डॉ. खुशबू कपूर दुनिया भर में एंकरिंग की जानी-मानी हस्ती हैं। तरूण जैन जो सहायक निदेशक जनसंपर्क विभाग, राजस्थान सरकार हैं, निशिता सिंघवी, नीरज शर्मा जो दैनिक भास्कर के वरिष्ठ पत्रकार हैं और राजीव जैन जो वर्तमान में राजस्थान पत्रिका इंदौर मध्य प्रदेश संस्करण के वरिष्ठ संपादक हैं। भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल की जनसंपर्क अधिकारी करुणा शर्मा, न्यूज़ 18 ग्रुप के वरिष्ठ एंकर हेमन्त कुमार जी और राजस्थान पत्रिका की वरिष्ठ पत्रकार अर्चना कुमावत आदि मौजूद रहे।

प्रोफेसर संजीव भानावत, इस पुरानी स्मृति को हमारे साथ साझा करने और आपने इसे संरक्षित करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। आपके दूरदर्शी नेतृत्व में उन दिनों की यादों और पुराने दोस्तों को एक मंच पर देखकर वास्तव में खुशी हुई। हम पत्रकारिता और जनसंचार की अपनी पढ़ाई के दौरान आपके आशीर्वाद, जबरदस्त समर्थन और उचित मार्गदर्शन के लिए आभारी रहेंगे। आज हम मास मीडिया और पत्रकारिता के क्षेत्र में जो कुछ भी हैं उसका सबसे पहले श्रेय आपको जाता है। आपके उदार समर्थन और आशीर्वाद के लिए धन्यवाद। सर, मेरे जैसा व्यक्ति जो हिंदी माध्यम से शुद्ध ग्रामीण पृष्ठभूमि से आया है, लेकिन आपने हमें मीडिया शिक्षा के बहुमुखी पेशेवरों और प्रसिद्ध विशेषज्ञों के तहत सीखने, समृद्ध करने और प्रशिक्षण लेने के लिए इतना सुंदर मंच दिया और आज हमें थोड़ी सी जगह मिल सकी। यहां मैं बिना किसी संपादन के आपकी जानकारी और ज्ञानवर्धक उद्देश्यों के लिए प्रोफेसर संजीव भानावत जी द्वारा लिखे गए पैराग्राफ उद्धृत कर रहा हूं।

"राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार एवं जनसंचार केंद्र के पूर्व मानद् निदेशक डॉ भंवर सुराणा की स्मृति में 20 जनवरी, 2007 को मीडिया क्विज एवं हिंदी वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि तत्कालीन जनसंपर्क निदेशक डॉ अमर सिंह राठौड़ थे जबकि अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार एवं पूर्व जनसंपर्क निदेशक (राजस्थान) डॉ मनोहर प्रभाकर ने की। कार्यक्रम में डॉ सुराणा के पुत्र भगत सिंह भी उपस्थित थे। निर्णयकों के रूप में साहित्यकार डॉ दुर्गा प्रसाद अग्रवाल, पत्रकार मोनिका शर्मा (केंद्र की पूर्व विद्यार्थी) तथा राजस्थान पत्रिका के प्रवीण नाहटा थे।

कार्यक्रम का संचालन रुचिका और हेमंत सांखला ने किया। इस वाद विवाद प्रतियोगिता में जनसंचार केंद्र की ओर से भाग लेने वाले विद्यार्थियों में कमलेश मीणा भी थे जो आजकल इग्नू में अपनी सेवाएं दे रहे हैं तथा देशभर में अनेक अकादमिक आयोजनों में उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इसी कार्यक्रम में प्रवीण शर्मा भी सहभागी थे जो प्रवीण गौतम नाम से दैनिक भास्कर में इंटर्नशिप कर रहे थे । दुर्भाग्य से कुछ ही समय बाद विश्वविद्यालय परिसर में एक दुर्घटना में उनका निधन हो गया। उन्हीं की स्मृति में केंद्र में बाद में प्रवीण गौतम स्मृति वाद-व्रत प्रतियोगिता की आयोजन की श्रृंखला शुरू की गई। 

क्विज में केंद्र की विद्यार्थी खुशबू कपूर ने सहभागित्ता की जिन्होंने एंकरिंग के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम स्थापित किया है, वहीं राजीव जैन अब राजस्थान पत्रिका में वरिष्ठ पदों पर काम कर रहे हैं। इस प्रकार केंद्र के उस समय के अनेक विद्यार्थियों ने आज मीडिया सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। विभिन्न कॉलेजों के ऐसे अनेक प्रतिभागी मीडिया क्विज और वाद प्रतियोगिताओं में दिखाई दे रहे हैं जिन्होंने मीडिया , जनसंपर्क, शिक्षा आदि क्षेत्रों में विशेष पहचान बनाई है। इनमें प्रमुख रूप से आशीष जैन, प्रीति सेन , रेनू शर्मा आदि है।" 

इस खूबसूरत स्मृति को साझा करने के लिए मैं हमारे प्रोफेसर आदरणीय संजीव भानावत जी के प्रति अपना आभार और हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करता हूं और उस अवसर पर मेरे द्वारा साझा किए गए विचारों को वीडियो प्रारूप में शामिल करने के लिए विशेष धन्यवाद। मैं तहे दिल से प्रोफेसर आदरणीय संजीव भानावत जी के प्रति धन्यवाद व्यक्त करता हूं। (लेखक के अपने विचार एवं अपना स्वयं का अध्ययन है)