राजस्थान से डॉ. कमलेश मीणा जैसा व्यक्तित्व वाले को राज्यसभा भेजा जाए
सद्दीक अहमद की रिपोर्ट
भारत निर्वाचन आयोग ने 15 राज्यों से 56 सीटों के लिए द्विवार्षिक राज्यसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। राजस्थान से राज्यसभा के लिए 3 सीटों के सदस्यों का चुनाव राज्य विधान सभा सदस्यों के माध्यम से किया जाएगा और संभवत: 2 सीटें सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिलेंगी और एक सीट मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को जाएगी यदि कोई राजनीतिक संकट या कांग्रेस पार्टी से क्रॉस वोट नहीं होती है। एक पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक होने के नाते यह बिल्कुल स्पष्ट है कि दोनों राजनीतिक दलों की ओर से राज्यसभा के लिए चयन आसान काम नहीं है और संभवत: सोशल इंजीनियरिंग के तहत दोनों दल लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर दांव खेलेंगे।
आम तौर पर देखा गया है कि भारतीय संसद के ऊपरी सदन के लिए सभी राजनीतिक दल राज्यसभा और विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव के जरिए अपने पुराने दिग्गजों को साधने, कई राजनेताओं को सक्रिय राजनीति से अलग करने का प्रयास, जन नेताओं को निपटाने का काम करते हैं, और सोशल इंजीनियरिंग और जाति समीकरण के तहत सभी राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग लोगों को राज्यसभा के जरिए मौका देती हैं। राजस्थान में विधान परिषद के लिए कोई ऊपरी सदन नहीं है और न ही भविष्य में इसकी कोई संभावना है।
मैं ऐसे शख्स को बहुत करीब जानता हूँ जिसने अपनी संघर्ष भरी जिंदगी में हजारों युवाओं को शिक्षा के ज़रिये नई रौशनी दिखाई और आज भी वह सभी जाति, धर्म से ऊपर उठ कर इंसानों के बेहतर भविष्य के प्रति जागरूक हैं वे डॉ कमलेश मीना जो कि इन दिनों सहायक क्षेत्रीय निदेशक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, इग्नू क्षेत्रीय केंद्र भागलपुर, बिहार। इग्नू क्षेत्रीय केंद्र पटना भवन, संस्थागत क्षेत्र मीठापुर पटना। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार। एक शिक्षाविद्, स्वतंत्र सोशल मीडिया पत्रकार, स्वतंत्र और निष्पक्ष लेखक, मीडिया विशेषज्ञ, सामाजिक राजनीतिक विश्लेषक, वैज्ञानिक और तर्कसंगत वक्ता, संवैधानिक विचारक और कश्मीर घाटी मामलों के विशेषज्ञ और जानकार। हैं जो मुलत: राजस्थान के निवासी एवं अपना जीवन प्रदेश की राजधानी जयपुर से शुरू कर आज इग्नू के माध्यम से सेवाएं दे रहे हैं।
उनसे मेरी नज़दीकियां होने के नाते मैं उनसे अनेक बारे किसी न विषय किसी विषय पर बातचीत करता रहता हूँ एक पत्रकार के रूप में मैं कह सकता हूं कि डॉ कमलेश मीना के पास राजनीतिक, शैक्षिक, प्रशासनिक रूप से बहुत बड़ा अनुभव है, इसमें कोई संदेह नहीं है। डॉ मीना को अपने कॉलेज के दिनों और संघर्ष के समय से स्वर्गीय डॉ अबरार अहमद, असरार अहमद, डॉ. मुमताज अहमद जी, स्वर्गीय पीए संगमा जी, शरद पवार जी, प्रफुल्ल पटेल जी, तारिक अनवर जी, डॉ.जितेंद्र अवहाद जी, प्रोफेसर सूरज मंडल जी आदि के साथ काम करने का अवसर मिला।
अगर हम कांग्रेस पार्टी की बात करें तो निश्चित रूप से उन्हें यह सीट मुस्लिम या आदिवासी समुदाय को देनी होगी और भारतीय कांग्रेस पार्टी को भी इसे करने में ख़ुशी होगी क्योंकि पिछले कई वर्षों से इन दोनों समुदायों के किसी भी व्यक्ति को राज्यसभा में मौका नहीं दिया गया है। संभवत: इन जातियों से किसी नये उम्मीदवार को वे राज्यसभा के जरिये मौका दे सकती हैं, अगर किसी ने राष्ट्रीय स्तर से दावेदारी नहीं की हो तो। लेकिन यहां यह भी याद रखने की जरूरत है कि कांग्रेस में गुटबाजी की राजनीति अभी भी खत्म नहीं हुई है, इसलिए अशोक गहलोत और पायलट गुट इस राज्यसभा सीट को अपने गुट के लिए हासिल करने की कोशिश करेंगे, ऐसे में ये सीट बाहर भी जा सकती है। क्योंकि कांग्रेस पार्टी में तुरंत निर्णय लेने वाला आलाकमान नहीं है और इस दुविधा का फायदा हमेशा पार्टी के सभी गुट उठाते हैं। खास बात यह है कि भजनलाल सरकार की भी यह दूसरी राजनीतिक परीक्षा होगी। करणपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा उपचुनाव में सुरेंद्र पाल टीटी की हार के बाद भजनलाल सरकार पहली राजनीतिक परीक्षा में विफल हो गई थी।
राजस्थान के एक आदिवासी डॉ कमलेश मीना जी को राज्यसभा के लिए उनकी स्वच्छ छवि, शिक्षित, अनुभवी और सभी समुदायों के बीच प्रसिद्ध व्यक्तित्व के कारण नामांकित करने की सबसे अधिक संभावना है। डॉ कमलेश मीना देश के विभिन्न हिस्सों में दुनिया के सबसे बड़े मुक्त विश्वविद्यालय इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के माध्यम से अपने समर्पण, ईमानदारी, प्रतिबद्धता और सत्यनिष्ठा के माध्यम से जनता के बीच एक जाना-पहचाना चेहरा हैं। अपनी मीडिया लोकप्रियता और कड़ी मेहनत वाली स्वच्छ छवि के कारण पूरे देश में एक राष्ट्रीय स्तर पर जाने-माने चेहरे के रूप में डॉ कमलेश मीना उभरे। मेरे अवलोकन और समझ में राजस्थान से भारतीय संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में नामांकन के लिए आदिवासी गरीब परिवार पृष्ठभूमि वाले डॉ कमलेश मीना सबसे मजबूत उम्मीदवार और राजस्थान की सत्ताधारी राजनीतिक पार्टी के द्वारा उनके नाम पर विचार किया जा सकता है। आज डॉ कमलेश मीना, अपनी सादगी, बौद्धिक क्षमता, वक्ता कौशल और सोशल मीडिया पर एक रचनात्मक, संवैधानिक लेखक और दुनिया के सबसे बड़े मुक्त विश्वविद्यालय इग्नू के शिक्षाविद का हिस्सा होने के नाते आम जनता के बीच जाना-पहचाना लोकप्रिय नाम हैं। डॉ.कमलेश मीना समाजवादी विचारधारा से आते हैं और ऑफ द रिकॉर्ड जब हमने डॉ मीना से बात की तो अभी भी डॉ.कमलेश मीना का कहना है कि समाजवादियों की अधिकतम लड़ाई हमेशा कांग्रेस पार्टी के खिलाफ रही है, इसलिए वह कभी भी कांग्रेस की विचारधारा को समर्थन नहीं दे सकते, लेकिन मीडिया में यह भी अफवाह है कि अगर समय पर निर्णय हुआ तो कांग्रेस पार्टी उन्हें राज्यसभा के लिए मौका दे सकती है।
जहाँ तक मैं जनता हूँ डॉ कमलेश मीना वैचारिक रूप से पूरी तरह से ईमानदार, प्रतिबद्ध, जिम्मेदार, जवाबदेह व्यक्तित्व हैं और आज के समय में एक बहुत अच्छे इंसान हैं। डॉ कमलेश मीना अपने दृढ़ संकल्प, ईमानदारी, समर्पण और त्वरित कार्रवाई के कारण कश्मीर घाटी, राजस्थान, बिहार, पंजाब और देश भर के युवाओं के बीच सबसे लोकप्रिय अधिकारी हैं। यदि भारतीय संसद की सेवा करने का अवसर डॉ कमलेश मीना जी को मिलता है, तो निश्चित रूप से डॉ कमलेश मीना अपने लोकतांत्रिक मूल्यों, संसदीय नैतिक समझ के गुणों और प्रतिबद्धता, विशेषताओं से लोकतंत्र के नए आयाम, नई ऊंचाइयां और गौरव स्थापित करेंगे। पाठकों की सूचना एवं ज्ञान हेतु यहां उनके व्यक्तित्व, लेखन कौशल, वक्ता और संचार कौशल को जानने के लिए, यहां उनकी सोशल मीडिया प्रोफाइल लिंक डाली गई है।
आज जमाना सोशल मीडिया का है, इसमें कोई शक नहीं है, इसलिए यहां हम आपके देखने, आपके सुझाव, सलाह एवं विश्लेषण के लिए डॉ कमलेश मीना का सोशल मीडिया फेसबुक लिंक डाल रहे हैं।
डॉ कमलेश मीना के सोशल मीडिया फेसबुक का लिंक है: https://www.facebook.com/ARDMeena?mibextid=ZbWKwL
राजस्थान से राज्यसभा के लिए डॉ कमलेश मीना के नामांकन पर विचार किया जा सकता है। डॉ कमलेश मीना को उनकी क्षमता, विशेषज्ञता और नेतृत्व कौशल को साबित करने के लिए उन्हें एक मौका दिया जा सकता है। नाम उजागर न करने की शर्त पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में एक समूह डॉ. कमलेश मीना की वकालत कर सकता है। डॉ कमलेश मीना न केवल कश्मीर घाटी, राजस्थान, पंजाब, बिहार के युवाओं को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं, बल्कि उनकी सादगी, ईमानदारी, आसान पहुँच दृष्टिकोण, जिम्मेदारियों, कर्तव्यों और जवाबदेही के प्रति समर्पण स्वभाव के कारण आम जनता, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, लड़कियों और लड़कों के बीच एक जाना-पहचाना चेहरा हैं। राजस्थान से आगामी राज्यसभा चुनाव में एक आदिवासी चेहरे डॉ कमलेश मीना को राज्यसभा सदस्य के रूप में राजस्थान की जनता और भारतीय संसद के ऊपरी सदन की सेवा करने का मौका दिया जा सकता है। यह भी तथ्यात्मक रिपोर्ट है कि भारतीय जनता पार्टी को एक ऐसे चेहरे की आवश्यकता, खोज और तलाश है जो कश्मीर घाटी में अधिकतम ध्यान और लोकप्रियता दे सके और डॉ कमलेश मीना कश्मीरी युवाओं और लोगों में सबसे लोकप्रिय व्यक्तित्व हैं। डॉ. कमलेश मीना की मित्र मंडली के बीच यह कहा जाता है कि कहीं से भी कोई भी समस्या हो, मामला चाहे जो भी हो या जहां कहीं भी हो, मामला चाहे अन्य राज्यों का भी हो क्योंकि सभी राज्यों में उनके अच्छे दोस्त हैं और उनकी छवि साफ-सुथरी है, जैसा कि उन्होंने अभी तक अर्जित किया है। हमें याद रखना चाहिए कि इस तरह के गुण अगर किसी में हैं तो हमेशा मायने रखते हैं और राजनीति में तो ये और भी ज्यादा मायने रखते हैं। मैंने जब कई मीडिया जानकारों से इनके बारे में जानना चाहा तो उनका मानना हैं कि राजनीतिक पसंद, जातिगत समीकरण, युवा चेहरा और प्रसिद्ध व्यक्तित्व के कारण डॉ कमलेश मीना सही विकल्प हो सकते हैं। डॉ कमलेश मीना एक जिम्मेदार, जवाबदेह और सम्मानित व्यक्तित्व वाले शिक्षाविद् और प्रसिद्ध सोशल मीडिया लेखक हैं और पूरी तरह से निर्विवाद और क्लीन चिट छवि है। दोनों राजनीतिक दलों के लिए यह राज्यसभा चुनाव जाति और क्षेत्र के हिसाब से सही उम्मीदवारों का चयन लोकसभा चुनाव के लिए पूर्व रिहर्सल का एक सही मौका भी है।
भविष्य के नजरिए से दोनों राजनीतिक दलों के लिए यह राज्यसभा चुनाव बड़ी राजनीतिक राजनीतिक उपलब्धि होगी। राजस्थान से राज्यसभा के लिए डॉ कमलेश मीना शायद सही विकल्प हैं। राज्य परिषद के द्विवार्षिक चुनाव के माध्यम से राज्यसभा में नामांकन के लिए डॉ कमलेश मीना के नाम पर विचार कर उन्हें एक मौका दिया जा सकता है।
भाजपा से दो उम्मीदवारों को राजस्थान से भारतीय संसद के सदस्य के रूप में राज्यसभा में सेवा करने का अवसर मिलेगा और जातिगत समीकरण और लोकसभा चुनाव के अनुसार निश्चित रूप से भाजपा एक आदिवासी मीना युवा चेहरे को मौका देगी और एक पुराने राजनेता को मौका देगी जो हाल ही में विधानसभा चुनाव हारे हैं। लेकिन अगर बीजेपी ने कांग्रेस से पहले उम्मीदवार के नाम की घोषणा की तो जातिगत समीकरण बदल सकते हैं। लेकिन कांग्रेस मुस्लिम या आदिवासी को उम्मीदवार बनाएगी। भाजपा के लिए डॉ किरोड़ी लाल मीना की वजह से आदिवासी उम्मीदवार विशेष रूप से 'मीना' जाति की उपेक्षा करना आसान नहीं है और आम लोकसभा चुनाव को देखते हुए निश्चित रूप से भाजपा डॉ किरोड़ी लाल मीना की जगह लेने के लिए आदिवासी समुदाय के बीच एक नेतृत्व तैयार करेगी। हमें याद रखना चाहिए कि राज्यसभा की एक सीट डॉ किरोड़ीलाल की भी खाली हुई थी। डॉ किरोड़ी लाल मीना को महत्वपूर्ण विभाग नहीं दिए जाने से 'मीना' जाति में नाराजगी है, इसलिए भाजपा निश्चित रूप से राज्यसभा के लिए मीना समुदाय का उम्मीदवार उतार सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स और उच्च स्तरीय सूत्रों का कहना है कि 2018 में भी डॉ कमलेश मीना बीजेपी से दावेदार थे लेकिन आखिरी वक्त में समीकरण बिगड़ गए। 2018 में डॉ किरोड़ी लाल मीना की कमी को सुधारने और भरने के लिए बीजेपी ने पहले ही एक मीना को राज्यसभा के लिए मनोनीत करने का फैसला कर लिया था, लेकिन आखिरी समय में डॉ किरोड़ी लाल ने अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय कर दिया और खुद राज्यसभा सदस्य बन गए। तो इस बार भी स्थिति वैसी ही है और यह सर्वविदित तथ्य है कि अब डॉ किरोड़ी लाल मीना अपनी राजनीति के अंतिम पड़ाव पर हैं और भाजपा पहले से ही इस रिक्तता को एक मीना समुदाय से भरना चाहती है ताकि भविष्य में और लोकसभा चुनाव के लिए मीना समाज की नाराजगी संभवतः इस कदम से शायद कम या दूर हो सकती है। कांग्रेस पार्टी भी इसी दुविधा में है कि अब वे क्या करें क्योंकि राजस्थान से राज्यसभा में अपने कोटे से एक सदस्य भेजने में ही उन्हें सहूलियत है।
डॉ. कमलेश मीना पिछले 20 वर्षों से प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विश्वविद्यालय से जुड़े हैं और इस विश्व आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के सच्चे अनुयायी हैं। मीडिया अकादमिक रूप से डॉ.कमलेश मीना आज एक जानी-मानी हस्ती हैं। डॉ कमलेश के राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया के साथ बहुत दोस्ताना संबंध हैं। डॉ कमलेश मीना देशभर में काम कर चुके हैं और कई जातियों और समुदायों के साथ उनकी अच्छी सोशल नेटवर्किंग है।
मैंने लगभग 40 वर्षों तक मीडिया में काम किया है और अपने अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि डॉ. कमलेश मीना का व्यक्तित्व बहुत आकर्षक है, इसमें कोई संदेह नहीं है और डॉ. मीना के देश भर के राजनेताओं, नौकरशाहों, व्यापारिक समुदाय, शिक्षकों, प्रोफेसरों और शिक्षाविदों के साथ अच्छे संबंध हैं। डॉ. कमलेश मीना की मुख्य विशेषता यह है कि डॉ. मीना बेहद सरल, जमीन से जुड़े, ईमानदार, किसी भी विवाद की राजनीति से दूर और नैतिक रूप से संतुलित विचारधारा वाले हैं। 47 वर्षीय डॉ.कमलेश मीना यदि राजनीति में आते हैं तो राजनीति में एक शिक्षित युवा चेहरा होंगे और अवसर मिलने पर लंबे समय तक सेवा कर सकते हैं।
बहुत ही कम उम्र में उन्होंने बहुत नाम, प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा अर्जित की, इसमें कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कई उद्देश्यों से भारत के प्रत्येक राज्य का दौरा किया और इस यात्रा ने उन्हें सभी के साथ सामाजिक नेटवर्किंग बढ़ाने का मौका दिया। उनका बचपन बहुत कठिनाईयों में गुजरा लेकिन डॉ कमलेश मीना ने कभी साहस और आत्मविश्वास नहीं छोड़ा। डॉ.कमलेश मीना ने अपने कॉलेज के दिनों में संघर्ष किया लेकिन अंततः वे सफल हुए। डॉ. कमलेश मीना पिछले 20 वर्षों से विश्व संवाद केंद्र जयपुर से जुड़े रहे और वहां आरएसएस के कई दूरदर्शी व्यक्तित्वों के सानिध्य में नैतिकता, सदाचार और ईमानदारी की शिक्षा ली। डॉ.कमलेश मीना की सभी समुदायों में अच्छी स्वीकार्यता है और वह दोस्तों के दोस्त मतलब 'यारों का यार' हैं। हां, यह भी सच है कि मिलनसार स्वभाव के कारण डॉ कमलेश मीना मीडिया, राजनीतिक दलों और अन्य महत्वपूर्ण समूहों के बीच समान रूप से लोकप्रिय हैं और उनमें सभी के प्रति संतुलित और सुलझे रहने का गुण है। हां, ये भी सच है कि दोस्ताना स्वभाव के कारण डॉ मीना सभी से निपटने, सभी को संभालने के गुर जानते हैं।
डॉ. कमलेश मीना की महत्वपूर्ण विशेषताएं जो जग जाहिर हैं :
* सभी समुदायों के बीच प्रसिद्ध व्यक्तित्व।
* उच्च योग्य युवा आदिवासी गरीब पारिवारिक पृष्ठभूमि।
* विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक विश्वविद्यालय प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी के साथ पिछले 20 वर्षों से लंबा जुड़ाव अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।
* मीडिया अकादमिक और पूरे देश में जाना-माना मीडिया चेहरा।
* मीडिया समूहों, वरिष्ठ पत्रकारों, मीडिया प्रोफेसरों, प्रसिद्ध शिक्षाविदों, वरिष्ठ नौकरशाही, कुलपतियों से जुड़ाव उन्हें अत्यंत बहुमुखी व्यक्तित्व बनाता है।
* जमीन से जुड़ाव और सभी तक आसान पहुंच।
* आदिवासी सामाजिक संगठनों से जुड़ाव उनके व्यक्तित्व का प्लस पॉइंट है।
* डॉ. कमलेश मीना ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय इग्नू के माध्यम से कश्मीर घाटी और लेह लद्दाख में सेवा की है।
* डॉ.कमलेश मीना के पिता ने भी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के माध्यम से देश की सेवा की।
* एक अनुभवी, पेशेवर, टेक्नोक्रेट, प्रभावी प्रशासक और उत्कृष्ट वक्ता और मुस्कुराते चेहरे वाला व्यक्तित्व।
* डॉ.कमलेश मीना कश्मीर से कन्याकुमारी तक जाना-पहचाना चेहरा हैं।
* डॉ. कमलेश मीना ने राजस्थान, असम, पंजाब, कश्मीर घाटी, लेह लद्दाख, बिहार में विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों के माध्यम से 200 व्याख्यान दिए हैं और देश भर में कई राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों, सेमिनारों और कार्यशालाओं में भाग लिया है।
* डॉ. कमलेश मीना ने 2008 में अरबिंदो आश्रम सोसायटी, पांडिचेरी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय युवा शिविर में भाग लिया।
* डॉ. कमलेश मीना दूरदर्शन केंद्र और आकाशवाणी राजस्थान, श्रीनगर, पटना आदि के जाने-माने विशेषज्ञ, शिक्षाविद् हैं। डॉ. कमलेश मीना ने दूरदर्शन केंद्र और आकाशवाणी के माध्यम से अत्यंत बहुमुखी व्यक्तित्व हैं।
* एक प्रभावी वक्ता, संवैधानिक विचार, तर्कसंगत विचारधारा डॉ. कमलेश मीना को एक प्रासंगिक व्यक्तित्व बनाती है।
* डॉ. कमलेश मीना द्वारा आकाशवाणी एवं दूरदर्शन केन्द्र के माध्यम से 50 से अधिक वार्ता एवं टीवी कार्यक्रम किये जा चुके हैं।
डॉ. कमलेश मीना की मित्र मंडली के बीच यह कहा जाता है कि कहीं से भी कोई भी समस्या हो, मामला चाहे जो भी हो या जहां कहीं भी हो, मामला चाहे अन्य राज्यों का भी हो क्योंकि सभी राज्यों में उनके अच्छे दोस्त हैं और उनकी छवि साफ-सुथरी है, जैसा कि उन्होंने अभी तक अर्जित किया है। हमें याद रखना चाहिए कि इस तरह के गुण अगर किसी में हैं तो हमेशा मायने रखते हैं और राजनीति में तो ये और भी ज्यादा मायने रखते हैं।यदि डॉ. मीना किसी भी राजनीतिक दल के तहत राजनीति में शामिल होते हैं तो निश्चित रूप से वह दूसरों से अलग होंगे, इसमें कोई संदेह नहीं है। डॉ. मीना यह भी स्वीकार करते हैं कि वह हमारे माननीय प्रधानमंत्री साहब आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में काम करने को इच्छुक हैं लेकिन खुलकर कुछ नहीं कहते। डॉ. मीना कहते हैं कि कोई नहीं जानता कि भविष्य में क्या होगा लेकिन आज भारत का नेतृत्व सबसे लोकप्रिय, ईमानदार, समर्पित और लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, इसमें कोई संदेह नहीं है। एक शिक्षाविद्, मीडिया विशेषज्ञ, सामाजिक रूप से जिम्मेदार, जवाबदेह, अनुभवी, शिक्षित और योग्य व्यक्ति होने के नाते यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी सेवाओं, कौशल, क्षमताओं और विशेषज्ञता के माध्यम से देश के विकास में योगदान दें।
पिछले 40 वर्षों से प्रिंट मीडिया पत्रकारिता से जुड़ा होने के नाते, मैं व्यक्तिगत अनुभव से कई लोगों को जानता हूं और पिछले 21 वर्षों से मैं डॉ. कमलेश मीना को जानता हूं जब वह अपनी रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे थे, लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी सौंपी गई जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के प्रति सत्यनिष्ठा कड़ी मेहनत, समर्पण, ईमानदारी में अपना विश्वास नहीं खोया। अपनी आजीविका के लिए उन्होंने एसटीडी पीसीओ चलाया है लेकिन मानसिक रूप से, दूरदर्शी व्यक्ति थे और उस समय भी वे कहते थे कि सद्दीक भाई एक दिन मैं उच्च पद पर आसीन होऊंगा और शीर्ष पद पर कुछ हासिल करूंगा। उन दिनों से मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानता हूं। जब डॉ कमलेश मीना उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे थे तो मैंने एक जुनून, उत्साह और समर्पण, कुछ सम्मानजनक स्थिति हासिल करने की प्यास और प्रतिबद्धता उसके चेहरे पर देखी।
अमीर हम्ज़ा की ये पंक्तियाँ डॉ. कमलेश मीना के व्यक्तित्व को खूबसूरती से बयान करती हैं।
उनके माथे पे कहां कोई शिकन होती है, जिनमें कुछ कर के दिखाने की लगन होती है, ज़िंदगी इतनी मशक्कत से गुज़ारी है कि अब, मैं जो आराम से बैठूं तो थकन होती है! -अमीर हम्ज़ा
आम तौर पर डॉ. कमलेश मीना दिग्गज राजनेताओं, वरिष्ठ पत्रकारों, प्रशासकों, नौकरशाहों और व्यावसायिक पेशेवरों के साथ बैठते थे और यह गुण उन्होंने आज तक कायम रखा है। वरिष्ठ राजनेता जैसे स्वर्गीय डॉ. हरिसिंह जी, महेंद्र शास्त्री जी, नत्थी सिंह जी, दिलशुख राय चौधरी जी, नवरंग लाल चौधरी जी, स्वर्गीय श्रीरामगोटेवाला जी, स्वर्गीय राव राजा राजेंद्र सिंह जी उनियारा, स्वर्गीय हेतराम बेनीवाल जी, अर्जुन सिंह जी, हरसहाय जी वगैरह। डॉ.कमलेश मीना अपने कॉलेज के दिनों से ही हमेशा सामाजिक संगठन से जुड़े रहे। अंत में मैं यही कहना चाहूंगा कि राजस्थान में दोनों ही प्रमुख पार्टियां शिक्षाविद्, पत्रकार, सोशल मीडिया से जुड़े हजारों युवाओं की आवाज़ डॉ कमलेश मीना (इग्नू) के नाम पर विचार करें। (शख्सियत के बारे में लिखा गया अध्ययन एवं विचार लेखक के अपने हैं)
सद्दीक अहमद (पत्रकार)