आईआईएम में 100-क्यूब स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव का आयोजन 1 मार्च को

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संबलपुर। आईआईएम संबलपुर के कैम्पस में 100-क्यूब स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा। एक दिन के इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य भारत में उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देना और युवाओं को इनोवेशन की दिशा में सशक्त बनाना है। आईआईएम संबलपुर के सहयोग से भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई इस विशिष्ट स्टार्टअप पहल के तहत 2036 में ओडिशा के शताब्दी समारोह तक अपने परिसर में 100 ऐसे स्टार्टअप स्थापित किए जाएंगे, जिनमें से प्रत्येक का अनुमानित मूल्यांकन 100 करोड़ रुपए होगा। समावेशन और क्षेत्रीय विकास के मूल मूल्यों के आधार पर आईआईएम संबलपुर के इस आयोजन के माध्यम से इस क्षेत्र में उद्यमशीलता से जुड़े ईको सिस्टम को बढ़ावा देने का प्रयास भी किया जाएगा।

1 मार्च को होने वाले कॉन्क्लेव के उद्घाटन समारोह के सम्मानित मुख्य अतिथि भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान होंगे। 100-क्यूब स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव के साथ ‘आई-हब फाउंडेशन’ की शुरुआत भी होगी, जिसे धारा 8 के तहत एक पंजीकृत कंपनी के रूप में आईआईएम संबलपुर के इनक्यूबेटर के रूप में स्थापित किया गया है। ओडिशा के उद्यमशीलता से संबंधित माहौल के बीच विभिन्न हितधारकों के सहयोग से यह आई-हब फिजिकल और वर्चुअल दोनों तरह से काम करेगा।

स्टार्टअप से संबंधित इस कार्यक्रम में संबलपुर, झारसुगुड़ा, सुंदरगढ़, बारगढ़ और ओडिशा के अन्य जिलों के 50 स्टार्टअप को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी होगी। इस आयोजन में लगभग 1200 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है, जिनमें 300 स्टार्टअप, साथ ही प्रमुख हितधारक, निवेशक, उद्योग सलाहकार, मंत्रालय के प्रतिनिधि, छात्र और इनक्यूबेटर और वेंचर केपिटल (वीसी) या एंजेल निवेशक समुदायों के सदस्य शामिल हैं।

आईआईएम संबलपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने 100 क्यूब स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव की मेजबानी करने पर गर्व व्यक्त किया, और ओडिशा में उद्यमिता और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के संस्थान के विजन पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह आयोजन न केवल स्टार्टअप्स को अपनी क्षमता दिखाने के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा, बल्कि विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक समर्थन और नेटवर्किंग के अवसर भी प्रदान करेगा।

प्रोफेसर जायसवाल ने आई-हब फाउंडेशन के उद्घाटन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि यह फाउंडेशन किस तरह टैक्सटाइल्स, कला और संस्कृति, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, वित्तीय और डिजिटल समावेशिता, आदिवासी उद्यमिता और स्थिरता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नवीन उद्यमों का समर्थन और पोषण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस पहल का उद्देश्य टिकाऊ और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देते हुए स्टार्टअप को विकास के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करना है।