संबलपुर। भारत के प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में से एक, आईआईएम संबलपुर ने अपने संबलपुर परिसर में बैच 2022-24 और 2023-25 के एक्जीक्यूटिव एमबीए के लिए सीईओ इमर्शन प्रोग्राम का आयोजन किया। कार्यक्रम का उद्देश्य अनुभवी पेशेवर लोगों के साथ सीधे बातचीत के माध्यम से बैच को व्यावहारिक ज्ञान, उद्योग के रुझान और नेतृत्व कौशल से लैस करना है। कार्यक्रम में 77 कामकाजी पेशेवरों ने भाग लिया। डॉ. आलोक कुमार मिश्रा, संयुक्त सचिव, भारतीय विश्वविद्यालय संघ, भारत सरकार ने भी कार्यकारी शिक्षा के विकसित होते परिदृश्य के बारे में अपना विजन साझा किया।
अपने स्वागत भाषण में आईआईएम संबलपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने कहा, ‘‘एक्जीक्यूटिव एमबीए बैच के लिए सीईओ इमर्शन प्रोग्राम दरअसल शिक्षण के एक बेहतर और उपयोगी माहौल को बढ़ावा देने के लिए आईआईएम संबलपुर की प्रतिबद्धता का एक जरूरी हिस्सा है।‘‘ उन्होंने एक सीईओ के आवश्यक गुणों के महत्व को भी रेखांकित किया और कहा, एक अच्छा लीडर बनने के लिए, जोखिम लेने के साहस के साथ भावनात्मक बुद्धिमत्ता, आत्म-जागरूकता और सामाजिक कौशल की भी आवश्यकता होती है। प्रोफेसर जायसवाल ने भगवान कृष्ण का उदाहरण भी दिया और कहा, स्व-नियमन सर्वाेपरि है, और छात्रों को इस गुण को अपने भीतर विकसित करने का प्रयास करना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि और डालमिया सीमेंट भारत लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और यूनिट हैड श्री चेतन श्रीवास्तव ने टीम वर्क के महत्व पर जोर देते हुए कहा, आधुनिक कार्यस्थल की जटिलताओं से निपटने के लिए, व्यक्ति में सीखने का गुण और भावनात्मक परिपक्वता होनी चाहिए। ये गुण आवश्यक हैं न केवल जीवित रहने के लिए बल्कि एक गतिशील वातावरण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए। इसी आधार पर हम बेहतर परिणाम हासिल कर सकते हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में आईआईएम संबलपुर के दिल्ली सेंटर में वर्किंग प्रोफेशनल्स फॉर एमबीए का सीईओ इमर्शन प्रोग्राम आयोजित किया गया था।