सांभर साल्ट प्रबंधन पर चहेतों को लाभ पहुंचाने का आरोप
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सांभरझील। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के सांभर आगमन पर सांभर साल्ट के सर्किट हाउस में निर्मल कुमावत की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने मुलाकात कर संभर साल्ट प्रबंधन की खुलकर हकीकत बताई लिखित में ज्ञापन सौंपते हुए इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए तत्काल उचित कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया। बताया गया कि सांभर साल्ट्स लिमिटेड का प्रबन्धन पिछले एक वर्ष में सांभर के 87 आदमी जो कि दैनिक भत्ते एवं ठेके पर रहकर कार्य कर रहे थे को हटाकर अपने जानकार कम्पनी के द्वारा अपने चहेतो को 20 हजार से 35 हजार की तनख्वाह पर रख रहे है जबकि स्थानीय युवाओ को इसी कार्य के लिये 8 से 10 हजार रूपये भुगतान किया जा रहा था। जबकि उनका कार्य भी संतोषजनक था। इस कारण स्थानीय युवा बेरोजगार हो गये है और कम्पनी पर लाखो रूपयों का अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ा हैं ।
सांभर साल्ट्स लिमिटेड की नीति रही है लम्बे समय तक दैनिक वेतन (डेलीवेज) पर रहने वाले कार्मिको को 5-7 साल बाद नियमित कर दिया जाता था। परन्तु अभी वर्तमान कम्पनी प्रबन्धन कार्य द्वारा 20-20 साल काम करने के बाद भी नियमित नही किया जा रहा हैं। सांभर साल्ट से सेवानिवृत कर्मचारी जो कि औधोगिक वेतन श्रृखंला एवं केन्द्रीय वेतन श्रृखंला में थे को सन् 2006 से बढे हुये पेंशन देना था लेकिन प्रबन्धन ने भारत सरकार के आदेशो को दरकिनार कर 2022 से पेंशन लागू की है जिसे कम्पनी के 354 सेवानिवृत कर्मचारियों को नुकसान हो रहा हैं ।सांभर नगर से 30 किमी. दूर नावां एवं राजास में निजी नमक उत्पादक नमक उत्पादन का कार्य कर रहे हैं एवं काफी कुशलतापूर्वक संचालन कर रहे हैं। सांभर नगर के आसपास काफी सरकारी जमीन खाली पड़ी हैं उस जमीन में निजी नमक उत्पादको को नमक उत्पादन करने की अनुमति प्रदान किया जाना चाहिए ताकि इस क्षेत्र में हजारो लोगो को रोजगार मिल सके।