रामायण व महाभारत में छिपा है कर्तव्य बोध का ज्ञान : डॉ . दीपक शर्मा

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने मनाया कर्तव्य बोध दिवस

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। राजकीय शाकम्भर स्नातकोत्तर महाविद्यालय सांभरलेक में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, राजस्थान (उच्च शिक्षा) के तत्त्वावधान में "कर्तव्य बोध दिवस " कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरम्भ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन व स्वामी विवेकानन्द एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के चित्रों पर माल्यार्पण एवं संकाय सदस्यों द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ। भगवान सहाय शर्मा ने लौकिक मांगलचरण एवं काव्य पाठ प्रस्तुत किया। अतिथि परिचय एवं स्वागत के पश्चात् महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डीसी डूडी ने विद्यार्थियों से स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेने का आह्वान किया I संगठन की इकाई के सचिव रुबेन सरन माथुर ने संगठन का परिचय प्रस्तुत किया। 

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, राजस्थान (उच्च शिक्षा) के अध्यक्ष डॉ दीपक शर्मा ने विषय की प्रस्तावना रखते हुए कहा कि वास्तविक धर्म मात्र पूजा पाठ नहीं अपितु अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन है।  उन्होंने प्रेरणादायी दृष्टांत के माध्यम से कर्तव्य बोध के विषय को स्पष्ट किया । कार्यक्रम  के मुख्य अतिथि  डॉ. ओपी दायमा व पूर्व संयुक्त निदेशक, कॉलेज शिक्षा विभाग राजस्थान ने अपने उद्बोधन में रामायण एवं महाभारत के पौराणिक प्रसंगो के माध्यम से कर्तव्य बोध को स्पष्ट किया, उन्होंने कहा कि कर्तव्य पथ पर अडिग रह कर ही हम अपने ध्येय को प्राप्त कर सकते हैं, यही हमारी संस्कृति सिखाती है, उन्होंने कहा कि आज कि नई पीढ़ी को वृद्धजनों के प्रति अपना दायित्व और उनकी भावनाओं को समझना होगा, उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से श्री राम जीवनआदर्शो पर चलने का आह्वान किया। कार्यक्रम का मंच संचालन  रुबेन सरन माथुर ने किया।  इस मौके पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी एव संकाय सदस्य उपस्थित रहे।