भामाशाहों के योगदान से विद्यालयों की तस्वीर बदल जाती है : माधव मित्र
मो फरमान पठान 

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मनोहरपुर (जयपुर)। निकटवर्ती ग्राम भीखावाला स्थित राजकीय प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय में भामाशाह व एडवोकेट मोहनलाल कुड़ी की और से अपने माता-पिता की स्मृति में निर्मित मुख्य द्वार का लोकार्पण सारस्वत अतिथि श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर हरिदास महाराज (टीला धाम ,अरनियां) के सानिध्य में संपन्न हुआ। 

लोकार्पण समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता माधव मित्र पूर्व अध्यक्ष, राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर  एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. विभूति भूषण शर्मा थे। 

इस अवसर पर महामंडलेश्वर हरिदास ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्कारों की रक्षा के लिए संस्कृत का अध्ययन अध्यापन बहुत जरूरी है। जीवन निर्माण के लिए संस्कारों की शिक्षा बहुत जरूरी है। इसके अलावा एडवोकेट भामाशाह मोहनलाल कुड़ी की ओर से विद्यालय में सुविधाएं बढ़ाने के लिए सराहना की।    

मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता माधव मित्र ने संबोधित करते हुए कहा कि राजकीय संस्कृत विद्यालयों को भौतिक रूप से बदलने के लिए भामाशाहों को आगे आना चाहिए, जिससे विद्यार्थियों का इस ओर अधिक आकर्षण बढ़ेगा। लोकार्पण एवं  वार्षिकोत्सव, भामाशाह सम्मान समारोह के इस अवसर पर भामाशाह मोहनलाल कुड़ी की धर्मपत्नी वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी लीला कुड़ी के द्वारा अपने जन्मदिन एवं सेवा निवृत्ति के उपलक्ष में राजकीय प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय भीखावाला को 2,75,000 के पांच कंप्यूटर सैट भेंट किए जाने पर प्रधानाध्यापक गजानन्द त्रिवेदी ने उनको धन्यवाद देते हुए कहा कि श्री मोहनलाल जी कुड़ी ने इस संस्था को बच्चो को ऊनी वस्त्र, 40 कुर्सी, माइक सेट  आदि  का सहयोग प्रदान किए अतः उनको प्रतीक चिह्न व प्रशस्तिपत्र दे कर सम्मानित किया गया।             

इस अवसर पर विद्यालय परिवार व एसएमसी के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल पारीक, बाबूलाल खागलोटिया, मोहनलाल  शर्मा, गणपत लाल शर्मा, गुलाबचंद गुर्जर, सत्यनारायण बोहरा, हनुमान सहाय कुडी, जगदीश प्रसाद, महेश गोपीराम गठाला नारायण लाल, तारा चंद, हीरालाल, ओमप्रकाश पारीक आदि लोग मौजूद रहे।