4 दिवसीय वर्ल्ड मैनेजमेंट कॉन्फ्रेंस आईआईएम संबलपुर में शुरू

आईआईएम संबलपुर में अयोध्या राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की विशेष स्क्रीनिंग

www.daylife.page 

संबलपुर। आईआईएम संबलपुर में 9वें पैन आईआईएम वर्ल्ड मैनेजमेंट कॉन्फ्रेंस (डब्ल्यूएमसी) में एक महत्वपूर्ण शुरुआत हुई, जहां केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने 'सांस्कृतिक और सतत प्रबंधन के लिए रंगावती एक्लीलेंस सेंटर' का उद्घाटन किया। सांस्कृतिक और सतत प्रबंधन के लिए रंगावती एक्लीलेंस सेंटर के बारे में धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, यह सेंटर नृत्य, भावपूर्ण गीत, प्रकृति पूजा और समृद्ध खाद्य संस्कृति सहित ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का केंद्र साबित होगा। इसका प्राथमिक ध्यान पश्चिमी ओडिशा की कला, साहित्य, संस्कृति और इतिहास पर शोध करना होगा, जिसमें वस्त्रों पर विशेष जोर दिया जाएगा।

यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर  रत्नेश झा; एस एन त्रिपाठी, महानिदेशक, आईआईपीए, नई दिल्ली और रोमल शेट्टी, सीईओ, डेलॉइट ने उद्घाटन समारोह की गरिमा बढ़ाई। उद्घाटन समारोह के अवसर पर, आईआईएम जम्मू के निदेशक प्रो. बीएस सहाय; प्रोफेसर कुलभूषण बलूनी, निदेशक, आईआईएम काशीपुर; आईआईएम नागपुर के निदेशक प्रोफेसर भीमाराय मेत्री और आईआईएम त्रिची के निदेशक प्रोफेसर पवन कुमार सिंह भी उपस्थित थे।

आईआईएम संबलपुर के निदेशक प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने 3डी - डिजिटलीकरण, डीकार्बोनाइजेशन और बिजनेस के डिमोक्रेटाइजेशन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, दुनिया बदल रही है और तीन डी की इनमें बड़ी भूमिका है-- डिजिटलीकरण, डीकार्बोनाइजेशन और बिजनेस का डिमोक्रेटाइजेशन। उन्होंने यूआईडीएआई और यूपीआई जैसी पहलों का हवाला देते हुए डिजिटल दुनिया का नेतृत्व करने की भारत की क्षमता पर भी जोर दिया। उन्होंने आगे कहा, उपनिवेशीकरण से पहले, भारत के पास दुनिया की जीडीपी का 32% हिस्सा था। इनोवेशन, सस्टेनबिलिटी और 3डी के माध्यम से, हम इसे वापस हासिल कर सकते हैं। 

सम्मानित अतिथि एस एन त्रिपाठी, महानिदेशक, आईआईपीए, नई दिल्ली ने देश में आईआईएम की भूमिका के दायरे और भारतीय मंत्रालयों के भीतर कई विभागों और संगठनों और सरकार की बुनियादी संरचना में मानसिकता बदलाव की अनिवार्य आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने एक उदाहरण दिया - इस देश पर तीस करोड़ लोग शासन कर रहे हैं और लाइनमैन से लेकर चेयरमैन तक तीन करोड़ नौकरशाह हैं, जो सरकार का हिस्सा हैं और 21 आईआईएम के साथ उनकी मानसिकता बदलना कोई आसान काम नहीं है। उन्होंने आगे कहा, 'भारत के लोगों का विकास करने के लिए हमें सिर्फ डेटा से ज्यादा इनसाइट की जरूरत है।'