संविधान दिवस पर ग्लोबल शोध सेमिनार एवं अवार्ड कार्यक्रम

गोपाल किरन समाजसेवी संस्थान द्वारा उज्जैन में 

  

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उज्जैन (मध्य प्रदेश)। संविधान दिवस पर गोपाल किरन  समाजसेवी संस्था द्वारा ग्लोबल शोध सेमिनार (विषय-भारतीय संविधान एवं हम सब का अस्तित्व) एवं अवार्ड कार्यक्रम का आयोजन श्रीप्रकाश सिंह निमराजे के नेतृत्व  में मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक नगरी उज्जैन के सुराना पैलेस ,दशहरा मैदान उज्जैन में कैलाश चंद मीणा, (आई एफ एस) चितौड़गढ़ के मुख्य अतिथि मैं श्रीप्रकाश सिंह निमराजे अध्यक्ष की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।

कैलाश चंद मीणा जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी के अधिकारों व स्वतंत्रता के ऊपर विस्तार से अपनी बात कहते हुए कहा यदि व्यक्ति अपने अधिकारों की सीमा में रहकर स्वतंत्र रहे तो कभी भी आपसी रिश्तों में विरोधाभास उत्पन्न नहीं होगा।अधिकारों की विश्व व्यापी एवं प्रभावी मान्यताओं और उनके पालन को सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए। विशेष अतिथि के रूप मैं सरोज मीणा विभागाध्यक्ष, फादर सुनील जॉर्ज जॉर्ज कोनक्यल, चंद्रशेखर बागरी, प्रोजेक्ट ऑफिसर भारतीय कृषि सहकारी संघ, आदि उपस्थित थे। जिन्होंने अपने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर देश के चर्चित रंगकर्मी एवं साहित्यकार डॉ . सुधांशु कुमार चक्रवर्ती रचित किताब ' स्कूल ' का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम के दौरान विषयगत शोधपूर्ण आलेख का पाठ पढ़े गए पढ़े गए जिसमें पूजा संकट, रिसर्च स्कॉलर, डा. अम्बेडकर विश्वविद्यालय , महू, इंदौर को सराहा गया इसके साथ ही जयश्री मेहर के चित्र प्रदर्शनी को सराहा गया। कार्यक्रम में जिला बागपत,यू.पी से आए कवि, गीतकार श्रीपाल शर्मा 'इदरीशपुरी' द्वारा प्रस्तुत कविता, 'देखी बुढ़ापे की जो तस्वीर मैंने, तो टूटा भरम उस जवानी का मेरी' ने श्रोताओं को खुद के अंतःकरण में झांकने को मजबूर कर दिया। 

गोरखपुर उत्तर प्रदेश की हिना कौसर अंसारी को सावित्री बाई फुले अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा अवार्ड से सम्मानित किया गया जहाँ उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि लोग चाहे कितना भी किसी भी तरह से आपके मान  सम्मान और स्वाभिमान को ठेस पहुँचाने और उसको गिराने की कोशिश करें लेकिन व्यक्ति को धैर्य से काम ले कर अपने सकारात्मक सोच, अच्छे आचरण और अपने ज्ञान के द्वारा अपने आपको नकारात्मक सोच और नकारात्मक लोगों से खुद को एवं अपने मान सम्मान को बचाना चाहिए। साथ ही साथ  साहिबा द्वारा पढ़ी गई कविता "लिखें कुछ भी वह मेरे नाम की तहरीर बनती है,कि उनकी बद्दुआओं से मेरी तकदीर बनती है "ने श्रोताओं को मंत्र मुक्त कर दिया।

चौहान शुभांगी  मगन सिंह द्वारा प्रस्तुत कविता 'मै एक उत्थान हूं'  ने प्रेक्षागृह में श्रोताओं के बीच उत्कृष्टता प्रदान की। बिहार से आए  रंगकर्मी एवं साहित्यकार डॉ. सुधांशु  कुमार चक्रवर्ती द्वारा  एकल नाटक 'सत्ता' की प्रस्तुति प्रभावपूर्ण रही।

इस अवसर पर विभिन्न श्रेणियां में सम्मान किया गया जिसमें कि ग्लोबल एनवायरनमेंट लाईफ टाइम अचीवर्स अवार्ड  कैलाश चंद्र मीणा,(आई एफ एस चितौड़गढ़), बी.आर. अंबेडकर लाइफ टाइम अचीवर्स अवार्ड आर.के.मेहरा सचिव लोक निर्माण विभाग मध्य प्रदेश शासन, सुनील शौक न्यायाधीश उज्जैन, बी.आर.आंबेडकर ग्लोबल आइकॉन अचिवर्स अवॉर्ड पूजा संकत शोधार्थी, डॉ. अंबेडकर अंबेडकर विश्वविद्यालय, महू इंदौर, जयश्री मेहर, महात्मा ज्योतिबा फुले ग्लोबल आईकॉन साहित्यिक अचीवर अवार्ड लातूर से पधारी शुभांगी चौहान, विनोद कुमार दुबे, मुबई जुगल किशोर शाक्य ग्वालियर, किरन सुपर आयरन ग्लोबल आयरन लेडी अवार्ड  की धारा शिव की ग्राम पंचायत की उपसरपंच श्रीमति शोभा चौहान, सावित्री बाई फूले इंटरनेशनल आइडियल टीचर्स अवॉर्ड मोहम्मद आकिब अंसारी,हिना कौसर अंसारी, जितेंद्र गौड़ "सत्यजीत कृष्णा"समाजसेवी साहित्यकार,ग्लोबल आइकॉन अचीवर्स एनवायरमेंट अवॉर्ड श्रीमति सुनिता श्रीवास्तव, रामनारायण मेहर, बंटी धाकड़, राजकुमार यादव मुबई, राजेश सिंह,अमेठी,ग्लोबल आइकॉन अचीवर्स  रंगकर्मी एवं  साहित्यकार डॉ.सुधांशु कुमार चक्रवर्ती को संविधान ग्लोबल प्राइड अवार्ड , डॉ. दिलीप कटारे, श्रीमती सुनीता श्रीवास्तव, नरसराम, दाखा, बालोतरा, रिवर कंजरवेशन अवार्ड डॉ. सीताराम टैगोर ,डॉ बी.आर अंबेडकर ग्लोबल आइकॉन अचीवर्स अवार्ड, डॉ बी.आर. अंबेडकर ग्लोबल आइकॉन  ज्योग्राफर अचीवर्स अवार्ड राजु चंद्राकर, छत्तीसगढ़ ग्लोबल आइकॉन साइंटिस्ट अवार्ड हर्षित श्रीवस्तव, सुल्तानपुर,सावित्रीबाई फुले इंटरनेशनल टीचर्स अवार्ड, सावित्रीबाई फुले ग्लोबल आईकॉन इंटरनेशनल अवार्ड,डा. अमिता सेठी, सावित्रीबाई फुले अवार्ड,श्रीमती सन्तोष चन्देल, श्रीमती मीता सडाना, सचिव,जिला पुस्तकालय संघ,वर्षा बड़कुल स्मृति चिह्न,कुमारी वंशिका सिंह निमराजे, श्रीमति ननी बाई को दिया गया है। 

कार्यकम के आरंभ मैं अतिथियों का स्वागत श्रीप्रकाश सिंह निमराजे,सुनीता श्रीवस्ताव, जुगल किशोर शाक्य  आदि ने किया।,उसके पश्चात संविधान की प्रस्ताव का वाचन कराया गया। विनोद कुमार दुबे, राजेश सिंह, रामनारायण मेहर आदि ने भी अपने विचार व्यक्त रखे। कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से डॉ मंजू बाला एवं दिलीप कटारे ने किया।