एपीआरआई निदेशक मुजीब आजाद का ऐतिहासिक फैसला

प्रति वर्ष साहिबजादा शौकत अली  राष्ट्रीय अवार्ड एवम् स्मृति व्याख्यान 

अरशद शाहीन 

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टोंक। मौलाना आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान के निदेशक मुजीब अता आजाद ने एपीआरआई द्वारा प्रति वर्ष साहिबजादा शौकत अली राष्ट्रीय अवार्ड एवं स्मृति व्याख्यान आयोजित किए जाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। जिसकी घोषणा साहिबजादा डॉ शौकत अली खान को खिराजे अक़ीदत के मौक़े पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में की गई। 

मौलाना आज़ाद अरबी फारसी शोध संस्थान के कॉन्फ्रेंस हॉल में श्रद्धांजलि सभा की मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला कलेक्टर सरिता मल्होत्रा तथा अध्यक्षता संस्थान के निदेशक मुजीब अता आजाद ने की  विशिष्ट अतिथि डॉ. मनु शर्मा, डॉ. पी सी जैन रहे। 

कार्यक्रम का शुभारंभ कुरान ए पाक की तिलावत के साथ मुफ्ती इस्लाउद्दीन खिजर ने किया नात ए पाक का नजराना शायर शाद कैफ़ी ने पेश किया, कुरान खाने के बाद इशाल सवाब की दुआ मौलाना जमील ने कराई। 

इस अवसर पर संस्थान टोंक के निदेशक मुजीब अता आज़ाद ने कहा कि देश की जानी-मानी शख्सियत इस्लामिक स्कॉलर साहिबजादा डॉ.शौकत अली खांन एक जिंदादिल शख्सियत, हरदिल अजीज,अदबी महफिलों की शान, सूफ़ी, आलिम, लेखक थे उर्दू अंग्रेजी भाषा के साथ अरबी फारसी के ज्ञाता थे। उनके निधन से हमने एक उच्च कोटि के विद्वान को खो दिया है टोंक की अदबी तहज़ीब सभ्यता के लिए यह अपूरर्णीय क्षति है। मुजीब आजाद ने कहा की कलम और किताब को जो अपने जीवन में अपना लेता है। वह इतिहास बनाता है यह इतिहास बनाने का काम साहिबजादा शौकत अली ने किया। एक मामूली सी लाइब्रेरी से एक बड़ा इंस्टिट्यूट कायम करने का कारनामा अंजाम देकर उन्होंने इतिहास बनाया और इस इतिहास के लिए उनको हमेशा याद किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि जिनकी दुआओं से हमें हासिल हैं, ये मुकाम, उठाकर हाथ जब यह दुआ देते हैं राह के पत्थर भी रास्ता दिखा देते हैं। यक़ीनन उनकी दुआएं हमारे साथ है, उनके बताये रास्ते पर चलकर ए पी आर आई टोंक बुलंदियों पर रहेगी। 

मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला कलेक्टर सरिता मल्होत्रा (आरएएस) ने कहा कि साहिबजादा शौकत अली खान विद्वान व्यक्तित्व के धनी थे उन्होंने अरबी फारसी शोध संस्थान की स्थापना की हम जब विद्यार्थी जीवन में थे तब सामान्य ज्ञान का एक प्रश्न आया करता था कि टोंक स्थित विश्व विख्यात संस्थान का नाम बताएं? तथा संस्थान की स्थापना किसने की और कब हुई? तो जब सामान्य ज्ञान में परीक्षाओं में किसी संस्थान को लेकर सवाल पूछे जाने लगे तो समझ लेना चाहिए कि उस संस्थान का स्तर किस दर्जे का होगा साहिबजादा शौकत अली खान भारत की जानी-मानी शख्सियत थे मुझे उनको श्रद्धांजलि देने का अवसर मिला। उसके लिए मैं संस्थान की निदेशक आज़ाद की आभारी हूं तथा शौकत अली खान के जीवन और उनके व्यक्तित्व तथा उनके किए अनुकरणीय कार्यों से समाज और देश को विद्यार्थियों कॉल आप पहुंचता रहे ऐसी कामना करती हूं शोध के क्षेत्र में संस्थान निरंतर कार्य करें ऐसी शुभकामनाएं संस्थान के साथ हैं। 

श्रद्धांजलि सभा में डॉ मनु शर्मा ने साहिबजादा शौकत अली खान को विलक्षण प्रतिभा का धनी पुस्तकों का चितेरा, उद्देश्य के लिए जुनून से जीने वाला व्यक्ति बताया डॉ पीसी जैन ने कहा कि शौकत साहब साहित्य को समर्पित व्यक्ति थे। उनके समर्पण से उन्होंने विशिष्ट स्थान बनाया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से सईद उर रहमान, डॉ सैयद बदर अहमद, मुफ्ती इस्सलाउद्दीन खिजर, मौलाना जमील, नवाबज़ादा हामिद अली, देवेंद्र जोशी, विनोद बैरवा, अशोक सक्सेना, अच्युत ठाकुर, हुसैन कायमखानी ने विचार व्यक्त किया। संस्थान के सत्यनारायण सेन, आरिफ अली, फैसल हसनी, नासिर मिया, इशाक मोहम्मद, इशरत जहां, सारा रजा मौलाना आरिफ सहित स्टाफ के सदस्य गण और ए पी आर आई परिवार से जुड़े प्रबुद्ध जन मुख्य रूप से उपस्थित रहे।